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रेग्यूलेशन पर संशय के बादल

locationहनुमानगढ़Published: Dec 02, 2017 08:38:39 pm

Submitted by:

vikas meel

इंदिरागांधी नहर के रेग्यूलेशन पर से संशय के बादल अब दूर नहीं हो रहे।

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हनुमानगढ़.

इंदिरागांधी नहर के रेग्यूलेशन पर से संशय के बादल अब दूर नहीं हो रहे। जल संसाधन मंत्री के साथ वार्ता के बाद नहर के दो रोटेशन लगातार चार में से दो समूह में चलाने पर सहमति बनी थी। लेकिन सिंचित क्षेत्र आयुक्त ने जो रेग्यूलेशन मंजूर किया है, उसमें महज चार से 21 दिसम्बर तक का जिक्र किया गया है। इसके कारण किसान आगे के रेग्यूलेशन को लेकर पसोपेश की स्थिति में हैं। इस संबंध में जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ ने बताया कि जो रेग्यूलेशन मंजूर हुआ है, वह 28 नवम्बर को हुई जल परामर्शदात्री समिति की बैठक के निर्णय के आधार पर हुआ है। उन्होंने बताया कि बैठक के अगले दिन विधायकों का प्रतिनिधि मंडल मंत्री डॉ.रामप्रताप से मिला था।


मंत्री के निर्देश पर इंदिरागांधी नहर के दो रोटेशन को लगातार चार में से दो समूह में चलाने का निर्णय लिया गया। मंत्री के निर्देशों की पालना करवाने में जुटे हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि रेग्यूलेशन की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है। चार दिसम्बर से लगातार दो रोटेशन चार में से दो समूह में चलाएंगे। जल संसाधन मंत्री ने भी इसके लिए निर्देशित किया है। किसानों को भ्रमित होने की जरुरत नहीं है। दो रोटेशन को चार में से दो समूह में चलाने को लेकर जितने पानी की जरुरत पड़ेगी, उसे उपलब्ध करवाने के प्रयास जारी हैं। किसानों की फसल को बचाने के लिए विभाग हर स्तर पर प्रयासरत है।

 

इसलिए असमंजस की स्थिति

मुख्य अभियंता ने बताया कि जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में इंदिरागांधी नहर को चार से 21 दिसम्बर तक चार में से दो समूह तथा इसके बाद तीन में से एक समूह में चलाने का निर्णय लिया गया था। इसका प्रस्ताव बनाकर सिंचित क्षेत्र आयुक्त को मंजूरी के लिए भिजवाया गया। इस दौरान बैठक के अगले दिन विधायक जब मंत्री से मिले तो मंत्री ने लगातार दो रोटेशन चार में से दो समूह में चलाने का निर्देश दिया। सिंचित क्षेत्र आयुक्त ने चार से 21 दिसम्बर तक के पहले रोटेशन को मंजूर कर लिया। जबकि 21 दिसम्बर के बाद के रेग्यूलेशन को स्वीकृत नहीं किया। मुख्य अभियंता ने बताया कि मंत्री स्तर पर जब निर्णय ले लिया गया है तो नहर के दो रोटेशन को चार में से दो समूह में जरूर चलाएंगे।

 

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बीबीएमबी की ओर से 21 सितम्बर 2017 को किए गए आंकलन के अनुसार रावी व्यास नदियों के पानी में राजस्थान का डिप्लीशन अवधि 21 सितम्बर 2017 से 20 मई 2018 में पानी का हिस्सा 18,55, 819 क्यूसेक डेज बनता है। इसमें इंदिरागांधी नहर परियोजना का हिस्सा 13,98,940 क्यूसेक डेज बनता है। इसके आधार पर रबी के वर्तमान रेग्यूलेशन का प्रस्ताव बनाया गया है। जो रेग्यूलेशन वर्तमान में निर्धारित किया गया है, उसके अनुसार नहर चलाने के लिए आगे पानी की और जरुरत पड़ेगी।

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