इन जागरूकता फिल्मों के प्रसारण के दौरान् छात्र-छात्राओं ने रूचि और उत्साह के साथ भाग लिया, उनकी शंकाओं का समाधान भी इस दौरान् किया गया। उन्होनें बताया कि फिल्म खुशी बच्चों के लैंगिक शोषण पर आधारित है, जिसमें बच्चों को ऐसे अपराधों से बचने का संदेश और उपाय बताए गए हैं।
फिल्म अवयस्क किशोर एवं किशोरियों के प्रेम संबंध पर आधारित है, जिसमें घर छोड़कर चले जाने के विधिक दुष्परिणामों के बारे में बताया गया है। इसी प्रकार फिल्म भोर की किरण टोनही प्रताडऩा से संबंधित पहलुओं पर आधारित है। तीनों शार्ट फिल्में बारह-बारह मिनट की हैं और लगभग 45 मिनट में इन फिल्मों का स्कूलों में प्रसारण कराया जा रहा है।
सामने आएं स्कूल संचालक– प्रधिकरण की सचिव गोयल ने बताया कि लघु फिल्मों के प्रदर्शन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी से समन्वय कर प्राधिकरण यह प्रयास कर रहा है कि जिले के समस्त विद्यालयों में इन शार्ट फिल्मों का प्रदर्शन सुनिश्चित कराया जाकर कानूनी जानकारी प्रदान की जा सके।
जिले के समस्त विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रबंधक से भी अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं आगे आकर अपने विद्यालय में यह कार्यक्रम कराने में रूचि लें ताकि छात्र-छात्राओं के मध्य नि:शुल्क कानूनी जानकारी प्रदान की जा सके।