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रीडिंग की व्यवस्था किए बिना 24 घंटे पानी सप्लाई के नाम पर एक हजार घरों में लगा दिया वाटर मीटर

locationदुर्गPublished: Oct 02, 2017 10:31:04 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

नगर निगम ने पिछले एक साल में करीब एक हजार से ज्यादा वाटर मीटर लगा दिए हैं लेकिन वाटर मीटर की रीडिंग नहीं हो रही।

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दुर्ग. नगर निगम ने पिछले एक साल में करीब एक हजार से ज्यादा वाटर मीटर लगा दिए हैं लेकिन वाटर मीटर की रीडिंग नहीं हो रही। वाटर मीटर लगाने वाले नागरिकों से पहले की तरह दो सौ रुपए प्रतिमाह की दर से जलकर की वसूली की जा रही है। कांग्रेस पार्षद दल समेत निर्दलीय पार्षदों ने बिना तैयारी किए वाटर मीटर लगाने की अनिवार्यता का विरोध किया है।
फेज टू योजना का लोकार्पण होने के बाद शहर के आउटर इलाकों में नई पानी टंकियों से जुड़े इलाकों में नए नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। निगम प्रशासन ने नए नल कनेक्शन देने के लिए वाटर मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया है। वाटर मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से 17 सौ रुपए अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है।
पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि रीडिंग की व्यवस्था किए बगैर वाटर मीटर लगाने की अनिवार्यता गलत है। नागरिकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ थोपा जा रहा है। पार्षदों का कहना है कि निगम प्रशासन के पास हर माह वाटर मीटर की रीडिंग करने अमला ही नहीं है। पार्षदों ने वाटर मीटर लगाने की अनिवार्यता बंद करने की मांग की है।
निगम अफसरों ने बताया कि शहर में 56 हजार से ज्यादा मकान हैं। इसमें से 50 फीसदी से भी कम घरों में निजी नल कनेक्शन लगे हैं। पिछले एक साल में सिर्फ एक हजार निजी नल कनेक्शन दिए गए। अमृत मिशन से पाइपलाइन विस्तार और नई टंकियों के निर्माण के बाद शतप्रतिशत घरों में नल कनेक्शन देने का काम हो पाएगा। शहर के हर एरिया में पाइपलाइन बिछाने और हर घर में नल कनेक्शन देकर वाटर मीटर लगाने में कई साल बीत जाएंगे। तब तक वाटर मीटर शोपीस की तरह लगे रहेंगे।
फेज टू योजना का लोकार्पण होने के पहले नगर निगम ने 24 घंटे पानी सप्लाई के दावे किए थे। लोकार्पण के बाद ये दावे धरे रह गए। हाल ये है कि नगर निगम के जलकार्य विभाग में 24 घंटे पानी सप्लाई की योजना का क्रियान्वयन तो दूर अभी तक इसका प्लान भी नहीं बन पाया है। लोकार्पण के डेढ़ साल बीतने के बावजूद आउटर इलाकों में फेज टू योजना के कई काम अधूरे हैं। मेंटेनेंस का काम नहीं हो पाया है। बघेरा सहित कई इलाकों में पर्याप्त पाइप लाइन भी नहीं बिछ पाई है।
निगम अफसरों का कहना है कि अमृत मिशन से 144 करोड़ की नई योजना का काम पूरा होने के बाद ही शहर में 24 घंटे पानी सप्लाई हो पाएगी। यह योजना पूरी होने में कम से कम पांच साल लगेंगे। की संभावना है। तब तक लोगों के घरों में लगे वाटर मीटर अनुपयोगी रहेंगे। पार्षद सिकोला बस्ती डी प्रकाश ने बताया कि शहर के दो फीसदी घरों में वाटर मीटर लगे हैं। इनकी कोई उपयोगिता भी नहीं है। अभी तक वाटर मीटर की रीडिंग शुरू नहीं की गई है। ऐसी हालत में वाटर मीटर क्यों लगाया जा रहा है। शहर में 24 घंटे पानी सप्लाई करने में निगम को कम से कम पांच से दस साल तक लग जाएंगे।
निगम को बताना होगा कि इस समय वाटर मीटर लगाने की जरूरत क्यों पड़ी। जल कार्य प्रभारी नगर निगम दुर्ग देवनारायण चंद्राकर ने बताया कि फेज टू योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई का प्लान तैयार किया गया। इसी तैयारी के तहत नए कनेक्शन में वाटर मीटर लगाने का निर्णय लिया गया। जिन इलाकों में पाइपलाइन विस्तार सहित सभी तैयारियां पूरी होगी वहां 24 घंटे पानी सप्लाई की व्यवस्था शुरू करेंगे। चरणबद्ध तरीके से यह काम किया जाएगा।
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