जेडी के पत्र पर संज्ञान लेते हुए मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छग शासन ने 29 सितंबर को दोनों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है। दोनों ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) के ऊपर शासकीय राशि के दुरुपयोग और ड्यूटी में लापरवाही का आरोप है।
ड़ॉ.मधुलिका सिंह ने अपने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पामगढ़ सीएचसी में भारी लापरवाही और अनियमितता पाई थी।
ड़ॉ.मधुलिका सिंह ने अपने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पामगढ़ सीएचसी में भारी लापरवाही और अनियमितता पाई थी।
उन्होंने करीब चार घंटे तक अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भोजन व्यवस्था को सुधारने और अस्पताल परिसर की साफ.सफाई सही करने के निर्देश दिए थे। इंजेक्शन रूम की ड्यूटी सिस्टर को ट्रेनिंग की जरूरत की बात कही और लैबर रूम में काफी अनियमितता पाने पर जमकर बीएमओ को फटकारा था। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के पांच कर्मचारियों का वेतन रोकने के साथ-साथ पामगढ़ बीपीएम निरंजन प्रसाद रायसागर के साथ-साथ नवागढ़ के बीपीएम जय कुमार कैवर्त को भी नौकरी से हटाने के अनुशंशा पत्र लिखने का निर्देश दिया था।
नर्सों और कर्मचारियों को नोटिस- समुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ कर्मचारियों को रजिस्टर में साइन नहीं होने के कारण मधु साहूए सुभद्रा राठिया, हेमलता सांडिल्य, शंकर खन्ना, राजन सतनामीए सनत डोंडिया सहित 11 नर्स व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर एक-एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए थे। नर्सों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
स्वास्थ्य संचालक ने भी दिया था आदेश- स्वास्थ्य संचालक छग शासन आर प्रशन्ना ने भी इससे पहले यहां का निरीक्षण कर लचर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जमकर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार नवागढ़ और पामगढ़ के बीपीएम को बर्खास्त करने के आदेश दिए थेए लेकिन बाद में यह आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
पामगढ़ और नवागढ़ के बीपीएम के खिलाफ काफी शिकायतें मिली थीं। इसके चलते दोनों को बर्खास्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया था- डॉ. मधुलिका सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ, बिलासपुर