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अंग्रेजों के जमाने की सुरंग के पास सबसे लंबे पुल का निर्माण शुरू

locationबालोदPublished: Sep 02, 2017 12:05:00 am

तांदुला जलाशय के सामने तांदुला नदी में देवतराई व आंवराभाठा को जोडऩे के लिए जिले का सबसे लंबा पुल बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Construction

बालोद. तांदुला जलाशय के सामने तांदुला नदी में देवतराई व आंवराभाठा को जोडऩे के लिए जिले का सबसे लंबा पुल बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को सेतु निर्माण विभाग की टीम ने पुल निर्माण के लिए ले-आउट का काम भी लगभग पूरा कर लिया है विभाग की टीम ने जहां से पुल का निर्माण होगा वहां तक मार्किंग किया है। लगभग 4 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल को जिले का सबसे बड़ा पुल माना जा रहा है, जो पर्यटन की दृष्टि से सुंदर और डिजाइनर होगा।
मिली जानकारी के अनुसार इस सबसे बड़े पुल निर्माण के लिए सेतु विभाग तांदुला नदी पर 13 पिल्लर खड़े करेंगे और पुल का निर्माण करेंगे। इस पुल के बन जाने से जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क होगा। साथ ही यह पुल आकर्षक तरीके से बनने से आकर्षण का केंद्र होगा। वर्तमान में विभाग मार्किंग का काम कर चुका है। साथ ही जहां-जहां पिल्लर खड़ा करना है उस स्थान को चिन्हांकित किया है।

 

बढ़ जाएगी खूबसूरती
इस पुल को आकर्षक रूप देने के लिए उसी तरह डिजाइन किया जाएगा, जिससे पर्यटक आकर्षित हो। तांदुला जलाशय पर्यटन स्थल होने के कारण तांदुला नदी में पुल निर्माण हो जाने से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी। जब भी तांदुला जलाशय ओवर फ्लो होगा और तांदुला नदी में पानी चलेगा तो इस पुल से नजारा काफी खूबसूरत दिखेगा।

15 दिनों में तेज होगी निर्माण की गति
बताया जा रहा है कि अभी ले-आउट तैयार किया गया है। निर्माण के लिए मटेरियल गिराना शुरू कर दिया गया है। श्रमिक सरिया काटने के काम में लगे हुए हैं। पुल निर्माण 15 दिनों बाद तेजी से शुरू हो जाएगा। यही नहीं इस विशाल पुल के साथ चौराहे बनाए जाएंगे। इसके तैयार हो जाने के बाद इस मार्ग का महत्व और बढ़ जाएगा।

बड़ा लाभ कलक्टोरेट आने-जाने में होगा
ज्ञात रहे कि पुल नहीं होने से हर बारिश के दौरान या जलाशय के ओवरफ्लो होने के बाद यहां से आना-जाना खतरे से खाली नहीं रह जाता। आसपास के गांवों को दूसरे मार्ग का उपयोग करना पड़ता था। अब कलक्टोरेट के बन जाने के बाद इस मार्ग पर लोगों का आना-जाना बढ़ गया है। कहा जाए इस मार्ग की उपयोगिता बढ़ गई है। निर्माण से छात्र-छात्राओं को भी जिला मुख्यालय पढ़ाई करने आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। खास बात ये है कि तांदुला की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए जिले सहित अन्य जिले व प्रदेश के लोग आते हैं, पर तांदुला नदी पर बाढ़ आ जाने के कारण लोग तांदुला के एक ही छोर की सुंदरता देख पाते थे, पर पुल निर्माण के बाद अब पर्यटक दोनों छोर की सुंदरता देख पाएंगे। जिला मुख्यालय का संपर्क सीधे जिला कलक्टोरेट से होगा, जिसके बाद इस पुल से रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना जिला मुख्यालय व जिला कलक्टोरेट में रहेगा।

जानिए पुल निर्माण के बाद क्या होगा लाभ?
105 साल पुरानी है रपटा जिसे अंग्रेजों ने बनाए थे। 80 साल से लगातार चल रही थी पुल बनाने की मांग। 220 मीटर लंबा और 8 मीटर चौडा होगा पुल। 4 करोड़ की लागत से 13 पायों के साथ बनेगा।

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