बढ़ जाएगी खूबसूरती
इस पुल को आकर्षक रूप देने के लिए उसी तरह डिजाइन किया जाएगा, जिससे पर्यटक आकर्षित हो। तांदुला जलाशय पर्यटन स्थल होने के कारण तांदुला नदी में पुल निर्माण हो जाने से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी। जब भी तांदुला जलाशय ओवर फ्लो होगा और तांदुला नदी में पानी चलेगा तो इस पुल से नजारा काफी खूबसूरत दिखेगा।
15 दिनों में तेज होगी निर्माण की गति
बताया जा रहा है कि अभी ले-आउट तैयार किया गया है। निर्माण के लिए मटेरियल गिराना शुरू कर दिया गया है। श्रमिक सरिया काटने के काम में लगे हुए हैं। पुल निर्माण 15 दिनों बाद तेजी से शुरू हो जाएगा। यही नहीं इस विशाल पुल के साथ चौराहे बनाए जाएंगे। इसके तैयार हो जाने के बाद इस मार्ग का महत्व और बढ़ जाएगा।
बड़ा लाभ कलक्टोरेट आने-जाने में होगा
ज्ञात रहे कि पुल नहीं होने से हर बारिश के दौरान या जलाशय के ओवरफ्लो होने के बाद यहां से आना-जाना खतरे से खाली नहीं रह जाता। आसपास के गांवों को दूसरे मार्ग का उपयोग करना पड़ता था। अब कलक्टोरेट के बन जाने के बाद इस मार्ग पर लोगों का आना-जाना बढ़ गया है। कहा जाए इस मार्ग की उपयोगिता बढ़ गई है। निर्माण से छात्र-छात्राओं को भी जिला मुख्यालय पढ़ाई करने आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। खास बात ये है कि तांदुला की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए जिले सहित अन्य जिले व प्रदेश के लोग आते हैं, पर तांदुला नदी पर बाढ़ आ जाने के कारण लोग तांदुला के एक ही छोर की सुंदरता देख पाते थे, पर पुल निर्माण के बाद अब पर्यटक दोनों छोर की सुंदरता देख पाएंगे। जिला मुख्यालय का संपर्क सीधे जिला कलक्टोरेट से होगा, जिसके बाद इस पुल से रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना जिला मुख्यालय व जिला कलक्टोरेट में रहेगा।
जानिए पुल निर्माण के बाद क्या होगा लाभ?
105 साल पुरानी है रपटा जिसे अंग्रेजों ने बनाए थे। 80 साल से लगातार चल रही थी पुल बनाने की मांग। 220 मीटर लंबा और 8 मीटर चौडा होगा पुल। 4 करोड़ की लागत से 13 पायों के साथ बनेगा।