scriptPulwama Attack बूढ़े पिता की पथरार्इ आंखों निहार रही बेटे ही राह, बाबूजी बाबूजी कहता हुआ एक बार आ जाए | Deoria son dead in Pulwama terror attack, family mourning | Patrika News

Pulwama Attack बूढ़े पिता की पथरार्इ आंखों निहार रही बेटे ही राह, बाबूजी बाबूजी कहता हुआ एक बार आ जाए

locationदेवरियाPublished: Feb 15, 2019 01:26:44 pm

पुलवामा आतंकी हमला

A Terrorist Killed in Pulwama in Encounter Watch Video

IED On Pulwama Road

बेटे की लाश को कंधों पर उठाना पड़े, एक पिता के लिए दुनिया में इससे बड़ा बोझ कोर्इ नहीं। जीवन की सांध्या बेला पर जिस पिता ने सोचा था कि वह बेटे के कंधों पर सुकुन से अपनी अंतिम यात्रा पर निकल सकेगा, उसे क्या पता था कि नियति का क्रूर निर्णय उसकी खुशियों को पलभर में छीन ले जाएंगी। वयोवृद्घ रामायन मौर्य की पथरार्इ आंखें भी नियति के आगे अपनी बेबसी बयां कर रही हैं। वे उन हाथों से अपने बेटे का अंतिम संस्कार करेंगे जिन हाथों से उसे पाल पोसकर बड़ा किया। ये आंखें उन सियासी पैंतरेबाजों से भी मूक रहकर सवाल कर रही कि आखिर उनके बेटों की हत्या एेसे कबतक होती रहेंगी।
श्री रामायन मौर्या आतंकी हमले में शहीद हुए विजय मौर्या के पिता हैं। देवरिया के भटनी के छपिया जयदेव गांव के 30 साल के विजय मौर्या सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन में थे। उनकी ड्यूअी जम्मूकश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में थी। 2 फरवरी को वह घर छुट्टी पर आए थे। 10 फरवरी को वह घर से ड्यूटी पर लौटे थे।
गुरुवार की शाम को सीआरपीएफ में डीएसपी के पद पर तैनात उनके चचेरे भाई राजेश मौर्य ने मोबाइल पर फोन कर विजय मौर्य के आतंकी हमले के बाद नहीं पता चलने की सूचना दी। सूचना मिलते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।
विजय के घर उनके वृद्ध पिता रामायन मौर्य को अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका बेटा शहीद हो चुका है। दिल को अभी भी किसी चमत्कार की उम्मीद है। पत्नी विजय लक्ष्मी देवरिया में किराये के मकान में रहती हैं। सूचना मिलने के बाद उनका रो रोकर बुरा हाल है। चार साल की बेटी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसके पापा कहां गए।
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