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दूसरे सोमवार को बाबाधाम में उमड़ी भीड़,एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक

locationदेवघरPublished: Aug 06, 2018 04:50:15 pm

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Prateek

आधी रात तक कांवडियों की कतार चौदह किलोमीटर लम्बी हो गई थी…

 बाबाधाम

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(रांची): सावन के दूसरे सोमवार पर बाबा नगरी देवघर में सोमवार दोपहर बाद तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया। बाबा मंदिर में जलाभिषेक के लिए रविवार देर रात से ही कांवडियों की लम्बी कतार लग गई थी। आधी रात तक कांवडियों की कतार चौदह किलोमीटर लम्बी हो गई थी। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की। बाबा मंदिर के आसपास सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई। इधर राजधानी रांची स्थित पहाड़ी मंदिर में भी अहले सुबह से ही जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। रविवार देर रात स्वर्णरेखा नदी से जल उठाकर कांवरिये पहाड़ी मंदिर पहुंचे। उधर खूंटी स्थित आम्रेश्वर धाम में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।


14 किलोमीटर लंबी लगी कतारें

श्रावणी मेले की दूसरे सोमवार को बाबा नगरी में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। देर रात से ही भक्त कतार में लगकर अपनी बारी का इन्तजार करते देखे गए। दो दिनों से भीड़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन की तैयारियां चल रही थी। सोमवार को भीड़ नंदन पहाड़ को पार करते हुए फिल्टरेशन प्लांट को भी पार कर कुमैठा तक पहुंच गई। ऐसे में कतार की लम्बाई 14 किलोमीटर लंबी हो गई है। इस बार चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई। भीड़ को देखते हुए सभी पुलिस जवानों की ड्यूटी में इजाफा कर दिया गया। इस बार के सावन महीने में चार सोमवार का संजोग है।


यह है सावन के सोमवार की महिमा

सोमवार का अपना महत्व है। सोम चन्द्रमा को कहते हैं और चन्द्रमा के ईश्वर देवादिदेव महादेव हैं। इनके सर पर भी चन्द्रमा बिराजमान है। इसी वजह से शिव को सोमेश्वर कहते हैं। दूसरी तरफ सोमवार ही को ही शिवलिंग का अविर्भाव हुआ था। कथाओं में यह भी वर्णित है की गंगा का पृथ्वी पर पदार्पण भी सावन की सोमवार को ही हुआ था। इसी वजह से सोमवारी को उत्तम दिन माना जाता है। सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और हर सोमवार को एक बेशकीमती वस्तु निकली थी। और ये सभी वस्तुएं जगत के कल्याण के लिए निकली थी। सावन की दूसरे सोमवारी को ऐरावत हाथी की उत्पत्ति हुई थी। जो शक्ति वैभव ओर ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है जानकारों के अनुसार यही कारण है कि आज के दिन पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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