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पारा शिक्षकों को दिया गया अल्टीमेटलम खत्म, आंदोलन की राह पर डटे हुए पारा शिक्षक

locationदेवघरPublished: Nov 20, 2018 05:09:35 pm

सरकार की ओर से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के विरोध में राज्यभर के करीब 65 हजार पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है…

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(रांची,देवघर): झारखंड स्थापना दिवस पर रांची में आयोजित मुख्य समारोह में काला झंडा दिखा रहे पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज के बाद सैकड़ों पारा शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और उपद्रव में शामिल पारा शिक्षकों के विरूद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। वहीं सरकार की ओर से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के विरोध में राज्यभर के करीब 65 हजार पारा शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है।


स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से हड़ताल पर गए पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक काम पर वापस लौटने का निर्देश दिया गया था और 15 नवंबर को स्पष्ट निर्देश के बावजूद अपने स्कूलों से अनुपस्थित रहने वाले पारा शिक्षकों से लिखित रूप से यह मांगा गया था कि पुनः वे इस तरह की गलती नहीं करेंगे, ऐसा नहीं करने पर और काम पर वापस नहीं लौटने की स्थिति में संबंधित स्कूलों में टेट पास और बीएएड तथा डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को प्रतिदिन के मानदेय पर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।


इसी क्रम में पूर्वी सिंहभूम जिले में 2 हजार पारा शिक्षकों को नोटिस थमाया गया है और काम पर लौटने का आदेश दिया गया है। काम पर नहीं लौटने पर उन्हें बर्खास्तगी की चेतावनी दी गई है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के बीएड, डीएलएड कर रहे छात्र-छात्राओं की सूची सौंप दी है। जिलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों की सूची भी तैयार कर ली गई है। बताया गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी बाइस नवंबर से इनकी तैनाती स्कूलों में कर सकेंगे।


इधर, पारा शिक्षकों की ओर से आज जेल भरो आंदोलन शुरू किया गया है, जिसके तहत विभिन्न जिलों के पारा शिक्षक अपने परिवार के सदस्यों समेत गिरफ्तारी देने का अभियान शुरू कर रहे है। देवघर में भी आज प्रदेश स्तर पर पारा शिक्षक जेल भरो अभियान में शामिल हुए। वहीं पारा शिक्षकों के हड़ताल के कारण राज्यभर के प्राथमिक स्कूलों में पठन-पाठन का काम बाधित हुआ है। स्कूल में बच्चे तो पहुंच रहे है, लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण कुछ देर बाद वे अपने घरों को लौट जा रहे है।

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