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लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना के लिए एमओयू पर हुए हस्ताक्षर , उत्तराखंड को मिलेगी यह विशेष सौगात

locationदेहरादूनPublished: Aug 28, 2018 08:42:13 pm

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Prateek

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समझौते को एतिहासिक बताते हुए कहा कि…

trivendra singh rawat

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(नई दिल्ली /देहरादून): मंगलवार को नेशनल मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में लखवाड बहुद्देशीय परियोजना के निर्माण के लिए 6 राज्यों के मध्य एमओयू साइन किया गया है। ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड रुपए की लागत वाली इस बहुद्देशीय परियोजना के एमआेयू पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे, हरियाणा के मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के सीएमजयराम ठाकुर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हस्ताक्षर किए।


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समझौते को एतिहासिक बताते हुए कहा कि लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना, सभी साझेदार छह राज्यों, विशेष तौर पर उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे राज्य को 300 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी। परियोजना के बनने से क्षेत्र में पर्यटन सहित आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। उत्तराखंड की बिजली जरूरतों को पूरा करने में इस योजना का अहम योगदान होगा।

 

साल 1992 में परियोजना का काम रूक गया था। उस समय तक 30 फीसद निर्माण कार्य हो चुका था। परियोजना को दुबारा शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लखवाड परियोजना के लिए आपसी सहमति बनाई, वह नए भारत के निर्माण में टीम इंडिया की भावना का अच्छा उदाहरण है।


गौरतलब है कि लखवाड परियोजना के तहत उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनाया जाना है। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा इससे यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।

 

परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना निर्माण का काम उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा। परियोजना पर आने वाले कुल 3966.51 करोड रुपये की लागत में से बिजली उत्पादन पर होने वाले 1388.28 करोड$ का खर्च उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। परियोजना पूरी हो जाने के बाद तैयार बिजली का पूरा फायदा भी उत्तराखंड को ही मिलेगा। परियोजना से जुडे सिंचाई और पीने के पानी की व्यवस्था वाले हिस्से के कुल 2578.23 करोड के खर्च का 90 प्रतिशत (2320.41 करोड$ रुपये) केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि बाकी 10 प्रतिशत का खर्च छह राज्यों के बीच बांट दिया जाएगा।

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