हम सभी को ऐसे काम करने से बचना चाहिए
चमोली ( Chamoli ) जिले में भारी बारिश के कारण झरनों ( Waterfalls ) में ज्यादा मात्रा में पानी बह रहा है। पानी का बहाव काफी तेज है। इसी बीच एक हैरतअंगेज वीडियो सामने आया हैं। बद्रीनाथ ( Badrinath ) हाइवे के पास लामबगड़ इलाके में झरना तेजी से बह रहा है। लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर इस झरने को पार कर रहे हैं। बारिश के कहर और झरनों में पानी के बहाव से पैदा होने वाले खतरे से सभी लोग वाकिफ है। फिर भी इतनी बेफिक्री से लोग इस झरने को पार कर रहे है जैसे मानों उनके अंदर का डर बिल्कुल ही खत्म हो गया है। प्रशासन की ओर अलर्ट ( Heavy Rain Alert ) जारी कर लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। फिर भी ऐसे मामले सामने आ रहे है। हम सभी को ऐसे काम करने से बचना चाहिए, बारिश के समय झरनों में पानी का बहाव तेज रहता है यह बड़ी-बड़ी चट्टानों को बहा ले जाता है, ऐसे में इंसान क्या चीज है?
फंसे लोग, जीना हुआ दूभर
बता दें कि भारी बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में लोग फंस गए है। बारिश और भूस्खलन से लगभग दो सौ से अधिक मार्ग बंद है। कई गांवों से संपर्क कट गया है। लोग घरों में रहने को मजबूर है। यह बात भी सामने आई है कि लोगों को राशन व अन्य जरूरी सामान की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की ओर से यह आशंका जताई जा रही है कि 14 अगस्त यूं ही बादल कहर बरसाते रहेंगे।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट,पिथौरागढ़ में रास्ता जाम
मौसम विभाग ( Meteorological Department ) ने राजधारी देहरादून समेत टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कुमाऊं मंडल के बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा, में रात 7 बजे के बाद प्रमुख सडक़ों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। पिथौरागढ़ ( Pithoragarh ) में बनीक के पास थल-मुनस्यारी सड़क क्षेत्र में भारी बारिश के बाद बोल्डर और मलबे सड़क पर आने के कारण रास्ता बंद कर दिया गया है। मलबा हटाने का काम जारी है।
चार धाम यात्रा में बादलों व भूस्खलन का अडंगा
इधर भारी बारिश का असर चार धाम यात्रा ( Char Dham Yatra 2019 ) पर भी पड़ा है। बारिश और भूस्खलन को देखते हुए प्रशासन की ओर से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री धाम यात्रा पर रोक लगा दी गई है। इन धामों की ओर जाने वाले मार्ग भूस्खलन के कारण बंद पड़े है। सरकार ( Uttarakhand Government ) की ओर से प्रशासन को रास्ते खोलने के निर्देश दिए गए है। रास्ता खोलने का काम भी युद्ध स्तर पर हो रहा है।