script5 दिनों में लिखी गई इतनी बड़ी FIR, इस बड़े घोटाले से जुड़ा है मामला, पुलिस हुई परेशान | Uttarakhand News: Police Filled Bigest FIR Of 58 Pages In Kashipur | Patrika News

5 दिनों में लिखी गई इतनी बड़ी FIR, इस बड़े घोटाले से जुड़ा है मामला, पुलिस हुई परेशान

locationदेहरादूनPublished: Sep 21, 2019 08:28:08 pm

Submitted by:

Prateek

Uttarakhand News: 58 पन्नों की एफआईआर (FIR), पुलिस (Uttarakhand Police) को कलम घिसते-घिसते आया पसीना, (Ayushman Yojna) आयुष्मान स्वास्थ्य योजना (Ayushman Health Scheme) से जुड़ा मामला…

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5 दिनों में लिखी गई इतनी बड़ी FIR, इस बड़े घोटाले से जुड़ा है मामला, पुलिस हुई परेशान

(देहरादून,हर्षित सिंह): उत्तराखंड के काशीपुर जनपद में आयुष्मान योजना घोटाले को लेकर संभवत: देश की सबसे लंबी FIR लिखी गई। 58 पन्नों की एफआईआर को लिखने में पांच दिन का समय लगा। वहीं आठ से ज्यादा पेन खर्च हो चुके हैं। एफआईआर लिखने में पुलिस के पसीने छूट गए हैं। दरअसल हुआ कुछ यूं कि स्वास्थ्य विभाग ने घोटाले की जांच रिपोर्ट ही पुलिस को एफआईआर के रूप में सौंप दी। इसके चलते पुलिसकर्मी दिन रात कलम घिसते रहे।

 

एफआईआर लिखने की जिम्मेदारी कटोराताल चौकी में तैनात मुंशी प्रमोद जोशी को सौंपी गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बॉयलोजी व फिजिक्स के शब्दों, हिंदी, अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया गया है। इन शब्दों का मतलब जान जानकर एफआईआर लिखने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पडी। इसके अलावा आंकडे सांप सीढ़ी की तरह उलझए हुए थे जिनसे सुलझाने में काफी समय लग गया। नतीजन एक एक पन्ना लिखने में कई बार घंटे भी लगे। एफआईआर को मैनुअल के अलावा कंप्यूटर पर भी अपडेट किया गया।

 

शहर के दो निजी अस्पतालों के विरुद्ध एफआईआर लिखने में मुंशी प्रमोद जोशी को प्रतिदिन चौदह से पंद्रह घंटे तक देने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी आलम यह है कि पांच दिन बीत जाने पर भी एफआईआर पूरी नहीं लिखी जा सकी है।

 

गौरतलब है कि आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल में भारी अनियमितताएं पाईं। विभाग द्धारा जांच में सामने आया कि काशीपुर स्थित दोनों अस्पताल मरीजों की फर्जी इलाज का क्लेम वसूल ले रहे हैं। पहला हॉस्पिटल मरीज डिसचार्ज होने के बाद भी उन्हें कई दिनों तक भर्ती दिखा रहे थे। इसके अलावा आईसीयू में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती होना दिखाया। मामले की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट एफआईआर के लिए दे दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला। यदि स्वास्थ्य विभाग निष्कर्ष निकाल कर देता तो यह काम आसान हो जाता। इसके अलावा दूसरे अस्पतॉल के विरुद्ध बांसफोडान पुलिस चौकी में 22 पन्नों की एफआईआर लिखी जा चुकी है।

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