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दुर्घटना के बाद तालमेल नहीं बैठा पाते जिम्मेदार, मौत के आंकड़ों में हो रही बढ़ोतरी

locationदेहरादूनPublished: Oct 16, 2019 04:19:13 pm

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Prateek

दरअसल मंगलवार को भी टिहरी और रुडक़ी में दो अलग-अलग हादसों (Accident In Uttarakhand) में कुल 8 लोगों की मौत हुई है, (Uttarakhand News) उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) दावा कर रही है कि सडक़ें पहले के मुकाबले बढिय़ा हैं, आपदा प्रबंधन (Disaster Management Team) टीम अलर्ट पर है जबकि स्थिति यह है कि…

Accident

(देहरादून, अमरश्रीकांत): उत्तराखंड में लगातार हो रहे सडक़ हादसों ने सरकार (Uttarakhand Government) की चिंता बढ़ा दी है। आपदा प्रबंधन के साथ अन्य विभागों के सटीक तालमेल नहीं होने के कारण बचाव और राहत जैसे महत्वपूर्ण कार्य समय पर शुरू नहीं पाते हैं जिससे समस्याएं बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने पर्वतीय जनपदों में हादसों के बाद दुर्घटना स्थल पर आपदा प्रबंधन की टीम के समय पर नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि संचार व्यावस्था तत्काल दुरुस्त की जाए। ताकि कम से कम घायलों को समय पर उपचार मिल सके। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को सामंजस्य बिठाकर काम करने के आदेश दिए हैं। जिससे पर्वतीय जनपदों में बढ़ रहे सडक़ हादसों में कमी लाई जा सके।


एक दिन में 8 की मौत…

दरअसल मंगलवार को भी टिहरी और रुडक़ी में दो अलग-अलग हादसों में कुल 8 लोगों की मौत हुई है। टिहरी जनपद में नैनबाग-विकास नगर के पास एक पुल पर वाहन के अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वाहन खाई में गिर गया जिससे एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई। जबकि 2 लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान बाबू राम गौड़, दर्शनी देवी, हैपी गौड़, रीना और शानू के रूप में हुई है। जबकि घायलों में बबिता और अंकुश गौड़ शामिल हैं। वहीं रुडक़ी में इनोवा और ट्रक के टक्कर से तीन लोगों की मौत हो गई और 2 लोग घायल हो गए। इसके पहले 13 अक्टूबर को चमोली में एक जीप के खाई गिर जाने से 8 लोगों की मौत हुई है। इसके पहले पिछले अगस्त माह में टिहरी गढ़वाल में दो अलग अलग हादसों में 9 बच्चों सहित कुल 14 लोगों की मौत हुई है।


सरकार के दावे हुए फुस्स..

दरअसल उत्तराखंड सरकार बार बार यह दावा कर रही है कि चारधाम यात्रा मार्ग की सडक़ें पहले के मुकाबले काफी बढिय़ा कर दी गई हैं। साथ आपदा प्रबंधन की टीम हर पल अलर्ट रहती है। जबकि स्थिति यह है कि दुर्घटना होने के काफी बाद आपदा प्रबंधन द्धारा बचाव और राहत कार्य शुरू किया जाता है। जिससे गंभीर रूप से घायलों को सटीक समय पर इलााज नहीं मिल पाता है और अस्पताल पहुंचने से पहले घायलों की मौत हो जाती है।


इस बीच पिछले दो माह से आपदा प्रबंधन की टीम लगातार बचाव और राहत कार्यों को लेकर छात्र-छात्राओं और स्थानीय युवकों को प्रशिक्षण देने का काम भी कर रही है। बावजूद आपदा प्रबंधन की टीम का समय पर दुर्घटना स्थल पर नहीं पहुंचना काफी चिंता का विषय है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन को स्पष्ट हिदायत है कि समय पर घायलों का उपचार कराया जाए।

 

सामंजस्य की कमी से नहीं मिल रहा उपचार…

सूत्रों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग के साथ आपदा प्रबंधन की टीम का सामंजस्य नहीं होने की वजह से भी राहत और बचाव कार्यों में परेशानी हो रही है। साथ ही पर्वतीय जनपदों में संचार व्यवस्था स्थिति काफी बदतर बनी हुई है। इसलिए घटनास्थल से सचिवालय स्थित आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र और स्थानीय प्रशासन तक सूचनाएं सही समय पर नहीं पहुंच पाती है जिससे राहत कार्य देरी से शुरू होता है।

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