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उत्तराखंड:पर्यटकों की संख्या बढाने की जुगत में लगी सरकार के पास बुग्याल के लिए नहीं है कोई ठोस रणनीति

locationदेहरादूनPublished: Sep 11, 2018 09:04:58 pm

Submitted by:

Prateek

हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि पर्यटक ट्रैकिंग करें लेकिन रात को बुग्यालों पर नहीं रूकें…

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(देहरादून): उत्तराखंड में बुग्याल स्थानीय लोगों की आर्थिक स्‍थिति को सशक्त करने में काफी मददगार हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में बुग्यालों में तेजी के साथ बढ़ रही आवाजाही की वजह से नैनीताल हाईकोर्ट ने बुग्यालों में रात्रि प्रवास पर बैन लगा लगा रखा है।

 

 

हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि पर्यटक ट्रैकिंग करें लेकिन रात को बुग्यालों पर नहीं रूकें। हाईकोर्ट के इस फैसले का असर ट्रैकिंग के कारोबार पर भी पड़ा है। लेकिन उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक का कहना है कि हाईकोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका का विकल्प खुला हुआ है। इससे राहत मिलने की उम्मीद है।


वहीं पर्यटन विकास परिषद का मानना है कि वन एवं पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर बुग्यालों की सुरक्षा को लेकर एक ठोस रणनीति बनाने पर मंथन किया जा रहा है। ताकि स्थानीय लोगों की परेशानी को दूर किया जा सके।यह काम तभी संभव है जब पर्यटन और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बैठकर एक संयुक्त रणनीति बनाए। बुग्यालों को बचाने के साथ ही साथ स्थानीय लोगों की रोजी रोटी का भी ध्यान सरकार को रखना होगा।

 

डगमगाई होम स्टे योजना

इधर राज्य के पर्यटन को बढावा देने के लिए और पर्यटकों को राज्य के रहन सहन से रूबरू करवाने के लिए प्रदेश की सरकार की ओर से चलाई जा रही होम स्टे योजना आगे बढती हुई दिखाई नहीं दे रही है। इसक प्रमुख कारण है कि पर्यटक स्टे होम में आ तो रहे है लेकिन वहां पर पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण वह यहां रूकने के लिए ज्यादा रूची नहीं दिखा रहे है। इसकी अहम वजह यह है कि ग्रामीणों की ओर से जो स्टे होम चलाए जा रहे है उनके पास सुविधाएं जुटाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।

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