इसके अलावा वन्यजीव अभ्यारण्यों में अब तक कुल 51 घटनाएं हुई हैं। वन्यजीव अभ्यारण्यों में लगी आग में छह वन्यजीवों की मौत भी हो चुकी है, जबकि जंगलों में लगी आग को बुझाने में अब तक आठ वनकर्मी झुलसकर घायल हो चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक पांच वनकर्मी कुमाऊं क्षेत्र के शामिल हैं। वन आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक सिविल सोयम व वन पंचायत क्षेत्रों में अब तक आग की कुल 246 घटनाएं हुई हैं। जहां तक वन संपदाओं के नुकसान का सवाल है तो अब तक 1536.555 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा हैं।
वन आपदा प्रबंधन के आंकड़ों पर नजर डाले तो आग ने सबसे अधिक तबाही नैनीताल में मचायी है जहां कुल 260 घटनाओं में 238.16 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान हुआ है। दूसरे नंबर पर अल्मोड़ा में 165 व देहरादून में 131 घटनाएं हुई हैं। वन मंत्री हरक सिंह रावत कहते हैं कि वनाग्नि रोकने के हर संभव उपाय किए जा रहे हैं, मगर हमारी भी सीमाएं हैं।
31 मई तक रहे अलर्ट, धधकेंगे जंगल
मौसम विभाग के विज्ञानियों के मुताबिक आगामी 31 मई तक राज्य के पर्वतीय इलाकों में तापमान में तीन से चार डिग्री व मैदानी इलाकों में चार से छह डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसे में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ सकती है।