Sandeep thapa: जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) के नौशेरा सेक्टर में देश की सुरक्षा करते शहीद हुए उत्तराखंड के वीर सपूत संदीप थापा के पार्थिव शरीर को सभी ने नम आंखों से विदाई दी। संदीप के परिवार की पांच पीढिय़ां लगातार भारतीय सेना (Indian army) में सेवाएं दे रही हैं। उनके परदादा ने भारतीय सेना में द्वितीय विश्व युद्ध (Second world war) के लिए लड़ाई लड़ी थी।
संदीप की सहादत का सलाम, छलके आंखों से आंसू
– नौशेरा सेक्टर में देश की सुरक्षा करते शहीद हुए संदीप – संदीप के परिवार की पांच पीढिय़ां भारतीय सेना में देहरादून जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में देश की सुरक्षा करते शहीद हुए उत्तराखंड के वीर सपूत संदीप थापा के पार्थिव शरीर को सभी ने नम आंखों से विदाई दी। प्रेमनगर स्थित घाट पर रविवार को उनका अंतिम संस्कार उनके पिता भगवान सिंह ने किया। जिसने भी सुना शहीद को अंतिम सलाम देने के लिए दौड़ा चला आया। हर किसी के आंखों में आंसू थे। बेटे के दाह संस्कार के बाद परिवार की जिम्मेदारी भी अब पिता के कंधों पर आ गई। पिता हवलदार (सेवानिवृत) भगवान सिंह की आंखों में नमी तो थी, लेकिन कहीं ज्यादा बेटे की शहादत पर गर्व। बोले, देश की सरहद की सुरक्षा के लिए जान कुर्बान की है। मैं भी फौजी रहा हूं, मुझे मालूम है देश के लिए काम आने में कितना सुख है। देशभक्ति में सरोबार भगवान सिंह कहते हैं मैंने अपने दोनों बेटों को देश की सेवा के लिए प्रेरित किया। बड़ा संदीप मुझसे कहीं आगे निकल गया। मेरा छोटा बेटा नवीन भी 3/5 गोरखा राइफल्स में सेना में राजौरी में तैनात है, अगर वह भी देश के लिए काम आया तो मुझे गर्व होगा।
पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी पिता भगवान सिंह ने कहा कि जो भी हो अब पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी है। हम कब तक देश के बेटों को खोते रहेंगे। देश को निर्णायक कदम लेने की जरूरत है। शहीद संदीप थापा के पार्थिव शरीर को रविवार को सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। खराब मौसम के कारण सेना का हेलीकॉप्टर लगभग दोपहर डेढ़ बजे एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट पर सेना के उच्च अधिकारियों, जवानों एवं परिजनों ने शहीद संदीप थापा को भावभिनी श्रद्घांजली दी।
गोरखा राइफल्स में लांस नायक थे संदीप 35 वर्षीय संदीप थापा 3/5 गोरखा राइफल्स में लांस नायक के पद पर तैनात थे। शनिवार सुबह लगभग 6:30 बजे पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन कर राजौरी के नौशेरा सेक्टर में शेलिंग चालू कर दी। संदीप थापा जवाबी कार्रवाई करते हुए घायल हो गए। इसके बाद उन्हें अस्पतॉल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उपचार के दौरान ही वे शहीद हो गए। संदीप थापा ने वर्ष 2004 में सेना ज्वाइन की थी। देश की 15 वर्ष सेवा करने के बाद वह देश के लिए कुर्बान हो गए। वर्ष 2012 में उनकी शादी निशा थापा से हुई थी। उनका तीन साल का एक बेटा भी है।
संदीप के परिवार की पांच पीढिय़ां सेना में शहीद संदीप थापा के परिवार की पांच पीढिय़ां लगातार भारतीय सेना में सेवाएं दे रही हैं। संदीप के पिता उनके दादा और परदादा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके परदादा ने भारतीय सेना में द्वितीय विश्व युद्ध के लिए लड़ाई लड़ी थी। इतना ही नहीं उनका छोटा भाई नवीन भी सेना में है।