उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने इस संकल्प को सदन के पटल पर रखा हालांकि कांग्रेस की आेर से कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी आए। कांग्रेस की नेता इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड सहित 20 राज्यों में गौ संरक्षण को लेकर कानून बना हुआ है। बावजूद मीडिया में खबरें आती रहती हैं कि गाय को भोजन नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई। कांग्रेस के नेताआें की यह दलील दी कि उत्तराखंड पहले गौ माता की रक्षा करे। जो वर्तमान नहीं हो पा रहा है।
यदि उत्तराखंड की आेर से गाय को राष्ट्रमाता के दर्जा दिए जाने को लेकर संकल्प पारित किया जा रहा है, तो कम से कम गाय की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसके पहले पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने गाय की उपयोगिता का वर्णन किया और कहा कि इसके धार्मिक और आर्थिक महत्व से पूरा देश वाकिफ है। गाय का उदार स्वभाव पूरा विश्व जानता है। वैज्ञानिक भी गाय की गुणवत्ता को स्वीकार कर रहे हैं। गाय आक्सीजन ग्रहण भी करती और आक्सीजन छोड़ती भी है। इसलिए भारत सरकार के पास गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के लिए सबसे पहले उत्तराखंड की आेर से पहल की गई है।
उत्तराखंड विधानसभा के मानूसन सत्र में आज का दिन थोड़ा नोकझोंक भरा भी रहा। अतिक्रमण के मुद्ये को लेकर सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच खूूब नोकझोंक हुआ। इस बात पर विपक्षी नेता सत्तधारी पार्टी बीजेपी के नेतओं की चुटकी लेते दिखाई दिए।