जानकारी के मुताबिक सेंटर निर्माण के लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ( Central textile ministry ) ने पहली किस्त में 20 करोड़ रुपए की धनराशि अदा कर दी है। इस सेंटर को नार्दन इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन ( Northern India Textile Research Association ) के माध्यम से स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ( Uttarakhand government ) ने एक एकड़ भूमि ‘वस्त्र मंत्रालय’ को स्थानांतरित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में प्राकृतिक रेशे से तैयार कपड़ों की इंटरनेशनल मार्केट में काफी मांग है। राज्य में 15 प्रतिशत से अधिक वनस्पतियां रेशा प्रजाति पाई जाती हैं। उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद द्वारा कुछ प्रजातियों को व्यवसायिक तौर पर चिन्हित किया गया है।
वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ( Smriti Irani ) ने हाल ही में कृषि, संस्कृति विभाग और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने सेंटर को पर्यटन और संस्कृति की दृष्टि से विकसित करने को कहा था। इससे देश विदेश से आने वाले सैलानियों को नेचुरल फाइबर से तैयार उत्पादों के प्रति आकर्षित किया जा सकेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक रेशे को बढ़ावा मिलने से पर्वतीय इलाके में लोगों को रोजगार का संसाधन मिलेंगे।
सुधीर चंद्र नौटियाल, निदेशक, उद्योग विभाग ने बताया कि उत्तराखंड में नेचुरल फाइबर केंद्र की स्थापना से राज्य में उद्योगों की स्थापना और निर्यात के अवसर बनेंगे। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों को प्राकृतिक रेशे से आय मिलेगी।