गौरतलब है कि भाजपा की महिला कार्यकर्ता ने दो नवंबर को प्रदेश महामंत्री (संगठन) संजय कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर उत्तराखंड की राजनीति मे भूचाल ला दिया था। महिला कार्यकर्ता ने संजय कुमार अश्लील मैसेज भेजने व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यौन उत्पीड़न का मामला जल्द ही मीडिया में सुर्खियां बन गया। इसके चलते संजय कुमार को संगठन मंत्री के पद से हटा दिया गया था। इस प्रकरण में ११ नवंबर को पीड़ित ने तहरीर दी, जिसके बाद मामला एसपी देहात सरिता डोभाल को सौंप दिया गया। मामले की जांच के बाद जनवरी में पीडिता की तरफ से शहर कोतवाली में यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।
इस दौरान संजय कुमार ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया। विवेचना के दौरान पुलिस को दिए गए बयान में पीडिता ने संजय कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीडिता ने मजिस्ट्रेट के सामने १६४ सीआरपीसी के तहत करवाए गए बयानों में पुलिस को दिए गए बयान कि पुष्टि की थी। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमे में धारा ३७६ (दुष्कर्म) को भी बढ़ा दिया था। हांलाकि विवेचना के दौरान दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। पीडिता ने जो तारीख बताई उस दिन संजय कुमार दून में न होकर, काफी दूर था। इसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन व अन्य साक्ष्यों से हुई। विवेचक ज्योति चौहान ने बुधवार को यौन उत्पीड़न के आरोप में पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार के विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल किया।