कार्रवाई होने के बाद चिकित्साकर्मियों ने अवैध राशि वसूलना तो बंद कर दिया है, लेकिन अब डिलेवरी केस में सिजेरियन करना ही बंद कर दिया है। इससे जिले में केवल जिला चिकित्सालय में ही हो रही सिजेरियन डिलेवरी भी अघोषित रुप से बंद हो गई है। ऐसे में प्रसूताओं को आपात स्थिति में जयपुर रैफर करना पड़ रहा है। गत 10 दिनों में ही 118 प्रसूताओं को रैफर किया गया है।
दरअसल एनएचएम निदेशक डॉ. समित शर्मा ने जिला चिकित्सालय का गत 4 जून को औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान मातृ एवं शिशु इकाई में गड़बड़ी मिलने के मामले में 6 नर्सिंगकर्मियों सहित 7 कार्मिकों को निलम्बित कर दिया गया। इनमें 4 कार्मिक लेबर रूम एवं 3 ऑपरेशन थियेटर में कार्यरत थे। इन कार्मिकों के रिलीव होने के बाद से यहां एक भी सिजेरियन डिलेवरी नहीं हो सकी है।
मात्र एक सिजेरियन डिलेवरी अस्पताल के मुख्य भवन स्थित ऑपरेशन थियेटर में ही हुई है। जबकि जिले में किसी भी उपखण्ड स्तर पर तो पहले से ही सिजेरियन नहीं हो पा रहे हैं। वहां से प्रसूताओं को जिला अस्पताल या जयपुर रैफर किया जाता है। ऐसे में प्रसूताओं की मुश्किल कम होने के बजाय बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। जबकि यहां 2 रेजीडेन्ट सहित कुल 8 चिकित्सक भी कार्यरत हैं। गौरतलब है कि मई माह में ही 763 सामान्य प्रसव एवं 27 सिजेरियन डिलेवरी हुए थी। ऐसे में अब यहां होने वाले प्रसव के मुकाबले नर्सिंगकर्मियोंं की कमी भी अखर रही है।
अब 3 नर्सिंगकर्मियों के भरोसे लेबर रूम
लेबर रूम के 4 नर्सिंगकर्मियोंं के निलम्बन के बाद केवल 3 नर्सिंगकर्मियों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। इन्हें ही प्रसूताओं को डिलेवरी से पहले पोस्ट नेटन वार्ड (पीएनसी) एवं प्रसव के बाद एएनसी वार्ड की जिम्मेदारी भी संभालनी पड़ रही है। जबकि 5 जून से करीब 223 प्रसव हो चुके हैं। ऐसे में प्रसूताओं को संभालने में नर्सिंगकर्मियों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से 3 अन्य नर्सिंगकर्मियों को लेबर रूम में लगाया गया है, लेकिन इन्होंने भी अभी तक ज्वाइन ही नहीं किया है। (ग्रामीण)
इनका कहना है…
जिला चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु इकाई के ऑपरेशन थियेटर में स्टाफ लगा दिया गया है। ऐसे में वहां सिजेरियन होना शुरू हो जाएंगे। इस दौरान मुख्य भवन स्थित ओटी में सिजेरियन हो रहे हैं।
डॉ. सीएल मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय, दौसा
जिला चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु इकाई के ऑपरेशन थियेटर में स्टाफ लगा दिया गया है। ऐसे में वहां सिजेरियन होना शुरू हो जाएंगे। इस दौरान मुख्य भवन स्थित ओटी में सिजेरियन हो रहे हैं।
डॉ. सीएल मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय, दौसा