पुलिस ने बताया कि सुबह लक्ष्मणराम मीना उर्फ गंठया (50) पुत्र धन्नालाल का शव खून से लथपथ मिला। मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह, सीओ मोहनलाल, रामगढ़ पचवारा उपखण्ड अधिकारी डॉ. जीएल शर्मा एवं रामगढ़ पचवारा थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार आदि पहुंचे। मृतक के सिर व हाथ पर धारदार हथियारों के चोट के निशान मिले। डॉग स्कावड व एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाए। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को कई बार समझाया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
ग्रामीणों का कहना था कि गांव की मुख्य आबादी के बीच हुई घटना से आमजन दहशत में है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। मौकेे पर मौजूद रामबिलाश मीना, पूर्व सरपंच कैलाश मीना, पोकरमल मीना समेत कई ग्रामीणों का कहना था कि तीन साल पूर्व कोलीवाड़ा गांव में बीरबल मीना एवं पीपली पातलवास गांव में भी एक युवक की हत्या होने की घटनाओं का खुलासा हो चुका है, लेकिन आज तक इन हत्याकांडोंं का भी खुलासा करने में पुलिस-प्रशासन नाकाम रहा है। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
पूर्व मंत्री परसादीलाल मीना व वीरेन्द्र मीना, उप जिला प्रमुख सीताराम मीना आदि ने भी मौके पर पहुंचकर घटना पर रोष जताते हुए शीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। परसादीलाल ने कहा कि पुलिस ग्रामीणों के धैर्य की परीक्षा नहीं लें और शीघ्र ही मामले का खुलासा करें। घटना के बाद रामगढ़ पचवारा, लालसोट, नांगल राजावतान, मंडावरी व लवाण थानों से पुुलिस जाब्ता व आरएसी के जवान तैनात रहे।
कुछ दिन पूर्व हुआ था विवाद
ग्रामीणों के अनुसार मृतक लक्ष्मणराम की छवि स्वच्छ थी तथा गांव में समाजकंटकों को नहीं बख्शता था। कुछ दिन पूर्व शाहजानपुरा गांव निवासी कुछ जनों से विवाद भी हुआ था। इसके बाद उसके परिवार को मोबाइल पर धमकियां मिली थी। मृतक के पुत्र पप्पूलाल ने शाहजानपुरा गांव निवासी एक जने पर संदेह जताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार ने बताया कि सभी संदेहास्पद लोगों की तलाशी के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है।
बीरबल हत्याकांड के जख्म हुए हरे
कोलीवाड़ा गांव में रविवार रात हुई घटना ने 20 जनवरी 2015 की रात हुए बीरबाल हत्याकांड के जख्मों को हरा कर दिया। अज्ञात जनों ने शिक्षक बीरबल की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। मामले को लेकर कई जांच अधिकारी बदले गए। अब यह मामला एसओजी के पास लंबित है।