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दौसा

सारथी नहीं, कौन चलाए मशीनें

धूल फांक रहे हैं 7 वेन्टीलेटर, दौसा जिला अस्पताल प्रशासन बना हुआ है मूकदर्शक

दौसाJan 30, 2018 / 08:50 am

Manish Sharma

वेन्टीलेटर
दौसा. जिला अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए इंटेन्सिव केयर यूनिट (आईसीयू) तो बनी हुई है, लेकिन इसमें लगने के लिए दो वर्ष पहले आए लाखों रुपए के सात वेन्टीलेटर (मशीन उपकरण) धूल फांक रहे हैं। इससे मरीजों को इस वार्ड का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय स्थित आईसीयू वार्ड में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 24 घण्टे उपचार की सुविधा उपलब्ध रहती है। इसमें लगे सात पलंगों पर प्रतिमाह करीब आठ दर्जन मरीज भर्ती होकर उपचार भी कराते हैं, लेकिन इन बैड पर मरीज की चिकित्सकीय निगरानी के लिए आए सात वेन्टीलेटर वार्ड के एक कोने में रखे हुए हैं। इससे मरीजों की प्रभावी मॉनिटरिंग भी नहीं हो पाती है।
ऐसे में केवल पल्स ऑक्सीमीटर लगाकर ही काम चलाया जा रहा है। जबकि इस वार्ड में एक प्रभारी, पांच नर्सिंगकर्मी एवं वार्ड ब्वॉय भी लगे हुए है। वहीं ऑक्सीजन सप्लाई, एसी एवं अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध है। इस वार्ड की संवेदनशीलता का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां मरीज एवं उसके परिजनों को ज्यादा बोलने एवं पदवेश ले जाने तक की इजाजत नहीं है। खास बात यह है कि इस वार्ड में स्थाई रूप से चिकित्सक भी नहीं लगा हुआ है। जरुरत होने पर इमरजेंसी ट्रोमा वार्ड से चिकित्सक को बुलाना पड़ता है।
दौसा तहसील के रामबास तितरवाड़ा निवासी सीएल मीना का कहना है कि आपातकालीन सेवाओं से जुड़े हुए मामलों में मरीजों को तुरन्त उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसे में विभाग की ओर से जिला अस्पताल में आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर मरीजों का उपचार करना चाहिए।

गुढाकटला निवासी मनीष सैनी का कहना है कि आईसीयू वार्ड में वेन्टीलेटर का उपयोग नहीं होने से मरीजों को वार्ड का लाभ नहीं मिल पाता है। इससे गंभीर बीमार मरीज यहां उपचार कराने से भी कतराते है। मजबूरी में अन्य अस्पतालों में जाकर उपचार कराना पडता है।

शिवलाल गुर्जर ने बताया कि जिले के सबसे बडे सरकारी अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं मिलनी चाहिए। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईसीयू वार्ड में चिकित्सक एवं पर्याप्त स्टॉफ लगाकर मरीजों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
वेन्टीलेटर की मदद से मरीज की सांस की स्थिति, पल्स, ब्लडप्रेशर, हार्ट बीट सहित अन्य जानकारी स्क्रीन पर मिलती रहती है। इससे चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ को मरीज की वर्तमान स्थिति का पता चलता रहता है, वहीं मरीज की प्रभावी मॉनिटरिंग हो पाती है।

ऑपरेशन थियेटर भी अनुपयोगी


अस्पताल के महिला एवं शिशु कल्याण केन्द्र में बना ऑपरेशन थियेटर भी पर्याप्त स्टॉफ के अभाव में बंद पड़ा है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन के लिए मुख्य भवन के थियेटर में लाना पडता है।
चिकित्सक ले सकते हंै उपयोग
आईसीयू वार्ड में मरीजों के लिए वेन्टीलेटर उपलब्ध है। ऐसे में जरुरत के समय मरीज के वेन्टीलेटर लगाया जा सकता है।
डॉ. बीके बजाज, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, दौसा

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