बांध का जल स्तर शनिवार सुबह 30 फीट 3 इंच पहुंचने के साथ ही पानी वेस्ट वेयर (उफरा) तक जा पहुंचा। दोपहर तक जब पानी वेस्ट वेयर पर चढऩे लगा तो ऐसे अनुमान लगाए जाने लगे कि 21 साल का लंबा इंतजार अब बस पूरा ही होना वाला है, लेकिन दिन भर पानी वेस्ट वेयर को पार नहीं कर सका।
वहीं दूसरी ओर मोरेल नदी में अब पानी की आवक थोड़ी कम होने के कारण अब बांध में भी पानी की आवक की गति थोड़ी कम हो गई है। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता एम.एल. मीना एवं कनिष्ठ अभियंता विजेन्द्र सैनी ने बताया कि बांध पूरी तरह भर चुका है।
बांध में अब एक इंच और पानी बढ़ता है तो निश्चित रूप से चादर चलने लगेगी। हालात पर पूरी तरह निगाह रखी जा रही है और पुलिस की मदद से अब वाहनों को भी बांध से पहले ही रोका जा रहा है। गौरतलब है कि मोरेल बांध पूरे एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा कच्चा बांध है और यह बांध दौसा जिले की सीमा पर सवाई माधोपुर जिले के बौंली क्षेत्र से सटा हुआ है।
मुख्य नहर से रिसाव की अफवाह से मचा हड़कंप
शुक्रवार रात्रि को कुछ जनों द्वारा सोशल मीडिया पर बांध की मुख्य नहर के पास पानी के रिसाव की जानकारी से लालसोट उपखण्ड प्रशासन, सवाई माधोपुर जिले के बौली उपखण्ड प्रशासन व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में विभाग के अभियंताओं ने रात्रि में ही मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया तो अफवाह निराधार निकली।
हजारों की भीड़ पहुंची, घंटों तक जाम में फंसे वाहन
21 साल बाद बांध भरने का नजारा देखने के लिए शनिवार को भी हजारों की भीड़ पहुंची। आलम यह रहा कि बगड़ी बस स्टैण्ड से लेकर मोरेल बांध तक दिन भर वाहनों की कतारें लगी रही। कई बार घंटों तक जाम के हालात भी हो गए। भीड़ बढऩे व मोरेेल बांध का पानी वेस्ट वेयर को छूने के बाद मंडावरी थाना पुलिस ने बेरियर लगा कर सभी वाहनों को आगे जाने से रोक दिया।
21 साल बाद बांध भरने का नजारा देखने के लिए शनिवार को भी हजारों की भीड़ पहुंची। आलम यह रहा कि बगड़ी बस स्टैण्ड से लेकर मोरेल बांध तक दिन भर वाहनों की कतारें लगी रही। कई बार घंटों तक जाम के हालात भी हो गए। भीड़ बढऩे व मोरेेल बांध का पानी वेस्ट वेयर को छूने के बाद मंडावरी थाना पुलिस ने बेरियर लगा कर सभी वाहनों को आगे जाने से रोक दिया।