इधर, श्रावण मास के प्रथम सोमवार को नागपंचमी के अवसर पर देवनगरी सहित जिलेभर के देवालय घण्टे-घडिय़ालों की आवाज से गूंज उठे। अलसुबह से ही शिव मन्दिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रमुख शिव मन्दिरों में शिव पंचायत का आकर्षक श्रृंगार किया गया। इस दौरान शिवभक्तों ने बेलपत्र, पंचामृत, रोली, मोली, चावल एवं सुगंधित पुष्पों से पूचा-अर्चना कर खुशहाली की कामना की।
जय भोले, हर-हर महादेव की जयकारों से समूचा वातावरण शिवमय हो गया। नागपंचमी के पर्व पर नागदेवता की पूजा की गई। पंच महादेवों की नगरी दौसा में श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखाई दिया। पहाड़ी पर स्थित नीलकण्ठ महादेव के दर्शनों के लिए सुबह से ही श्रद्धालु चढ़ाई करते हुए नजर आए। वहीं गुप्तेश्वर महादेव, बैजनाथ महादेव, सोमनाथ महादेव समेत अन्य शिवालयों में जलाभिषेक एवं पूजा अर्चना करने वालों की कतार लगी हुई दिखाई दी। शिवभक्तों ने व्रत रखकर मनोकामना की। शहर में शाम के समय आई बरसात से माहौल खुशनुमा होने से आरती के समय मन्दिरों में चहल-पहल बनी रही।
इधर, बारिश के दौरान हाउसिंग बोर्ड में तेज हवा से बिजली का ट्रांसफॉर्मर गिर गया। हालांकि बरसात होने की वजह से ट्रांसफॉर्मर के आसपास कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। जिला मुख्यालय पर साढ़े तीन बजे पहले तो मोटी-मोटी बूंदें आना शुरू हुआ। कुछ देर छींटे आए और फिर बारिश थम गई। इसके बाद फिर से तेजधूप व उमसभरी गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। फिर से आकाश में बादलों की घटाएं छाना शुरू हो गया। शाम को करीब पांच बजे तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया। करीब आधा घंटे तक मध्यमगति की बारिश होती रही। बरसात का पानी सड़कों पर बह निकला। गांधी तिराहे पर पानी जमा हो गया।
कुछ देर राहत फिर वहीं हाल-बेहाल
जिला मुख्यालय पर सोमवार शाम को हुई बारिश से लोगों को कुछ देर तो राहत मिली, लेकिन फिर से उमसभरी गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। उमस व गर्मी इतनी थी कि लोगों के माथे पर पसीने टपक रहे थे। लोग एसी व कूलर का सहारा ले रहे थे।
ग्रामीण इलाकों में हालात खराब
जिला मुख्यालय पर भले ही सोमवार को मध्यमगति की बारिश हो गई, लेकिन ग्रामीण इलाकों में हालात खराब है। बरसात की कमी से खेतों खड़ी बाजरे की फसल सूख रही है। फसल के तेजधूप में पत्ते सिकड़ कर झुक रहे हैं। किसानों का कहना हैकि यदि कुछ दिनों में ही बारिश नहीं आई तो उनकी फसल सूख कर बर्बाद हो जाएगी। अधिकांश किसानों की जीविकोपार्जन का साधन खेती ही है।