जानकारी के अनुसार महिला शीला शर्मा (60) व उसके भाई के खिलाफ पति ने पांच वर्ष पहले अपनी मूक बधिर बेटी को बेचने का मुकदमा दर्ज करा रखा था। मामला एससी/एसटी कोर्ट में चल रहा था। 18 सितम्बर 2019 को फैसला सुनाने की तारीख थी। फैसला सुनने के लिए केस की आरोपी अलवर के खैरथल थाने के हरसोली निवासी शीला शर्मा एवं उसका भाई टीटी व अन्य परिजन आए थे। महिला न्यायालय के सामने वकीलों के साथ बैठी थी। करीब साढ़े 11 बजे आरोपी अमरचंद शर्मा न्यायालय में खंजर छिपा कर आ गया। वह अपनी पत्नी के पास खड़ा हो गया।
एससी / एसटी न्यायालय के अभियोजक गोपाल लाल शर्मा ने बताया कि 4 जून 2014 को जरिए न्यायालय के इस्तगासे के कोतवाली थाने में दौसा के देवठिया मोहल्ला हाल निवासी जनता कॉलोनी निवासी अमरचनद शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी मूक बधिर पुत्री कचरी को उसकी पत्नी अलवर जिले के खैरथल थाने के हरसोली निवासी शीला व उसके साले टीटी ने कहीं बेच दिया। इस मामले में शीला व टीटी गिरफ्तार हो चुके थे। 18 सितम्बर 2019 को केस का निर्णय सुनाया जाना था। अमरचंद व उसकी पत्नी शीला के दो बेटी व एक बेटा था। तीनों ही मूक बधिर थे। एक बेटी गुम हो गई। बेटा सड़क दुघर्टना में मारा गया। पति-पत्नी के बीच बेटे के एक्सीडेंट बीमा की राशि को लेकरभी विवाद था। महिला की हत्या के मामले में उसके भाई टीटी ने कोतवाली पुलिस थाने को रिपोर्ट दे दी है।
न्यायालय परिसर में घटनास्थल पर वकील की कुसियों के समीप महिला को जिस स्थान पर खंजर घोपा वहां काफी मात्रा में खून बह रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहनाथा कि आरोपी ने खंजर से एक ही नहीं करीब आठ-दस बार महिला के पेट व गुप्तांग में खंजर घोंपा था। इससे महिला का काफी मात्रा में रक्त बह गया।
न्यायालय परिसर में महिला को पति द्वारा चाकू मार कर हत्या की वारदात के समय एक पुलिसकर्मी द्वारा एक वकील के थप्पड़ मारने एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा वकीलों से अभद्र भाषा बोलने से आक्रोशित वकीलों ने पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष अवधेश शर्मा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को शिकायत सौंप कर पुलिसकर्मी मोहन गुर्जर पर अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद बैरवा के थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। अध्यक्ष ने बताया कि अधिवक्ता महिला को बचाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन पुलिसकर्मी ने आरोपी को पकडऩे की बजाय वकील के साथ मारपीट कर दी। अध्यक्ष ने दौसा सीओ व कोतवाली थाना प्रभारी के खिलाफ वकीलों से अभद्र भाषा का प्रयोग करने का अरोप लगाया। वकीलों ने न्यायालय परिसर मुख्यद्वार बंद कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ।
दौसा में कलक्ट्रेट रोड पर एसपी कार्यालय में पुलिस की क्राइम मिटिंग चल रही थी। इधर सामने न्यायालय परिसर में पति ने पत्नी की चाकू मार कर हत्या कर दी। न्यायालय परिसर में मौजूद लोगों का कहनाथा कि न्यायालय परिसर में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। यहां कोई भी कपड़ों में कोई हथियार छिपा कर ले आए और वारदात कर जाए तो कोई पूछने वाला नहीं है।
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने बयान जारी कर बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह खराब है। न्यायालय परिसर में एक महिला की हत्या होना बहुत बड़ा अपराध है। अपराधी न्यायालय परिसर में हथियार साथ लाकर वारदात को अंजाम दे जाते हैं, इससे ज्यादा कानून व्यवस्था क्या खराब होगी।