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#Cool India: सूखते हलक को ठण्डे नीर की तलाश

locationदौसाPublished: May 31, 2017 08:14:00 am

Submitted by:

gaurav khandelwal

कहीं कार्टून में बंद हैं तो कहीं खराब पड़े हैं वाटर कूलर, मजबूरन यात्रियों को ठण्डे पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है।

Looking for the cooling down of drying

Looking for the cooling down of drying

बांदीकुई. किसी प्लेटफॉर्म पर वाटर कूलर खराब पड़ता है तो कहीं चालू नहीं किया गया। गर्मी को देखते हुए दो नए वाटर कूलर भी रेल प्रशासन की ओर से भेजे गए हैं, लेकिन वे कर्टन में बंद रखे स्टेशन की शोभा बढ़ा रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को सूखते हलक को तर करने के लिए ठण्डे नीर की तलाश है, लेकिन रेल प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा हुआ है। 
मजबूरन यात्रियों को ठण्डे पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। हालांकि यात्रियों की परेशानी को देखते हुए श्री श्याम जनोपयोगी सेवा संस्थान की ओर से जल सेवा शुरू की हुई है। इससे कुछ हद तक यात्रियों को राहत मिल रही है। 
जानकारी के अनुसार यात्रियों को ठण्डे पानी की सुविधा मुहैया कराने के लिए एक माह पहले रेल प्रशासन ने दो वाटर कूलर मुहैया कराए, लेकिन इन्हें अभी तक स्थापित नहीं किया गया है। 

पांच वाटर कूलर स्टेशन पर पहले से लगे हुए हैं, इनमें से रेलवे स्टेेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर एक पर 1500 लीटर की क्षमता वाला वाटर कूलर है। इसके अलावा प्लेटफार्म दो, तीन एवं छह पर भी वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन गर्मी शुरू हुए दो माह बीत जाने के बाद भी सही तरीके से चालू नहीं किए गए हैं। 
दिव्यागों के लिए लगाए गए नल पर भी पानी नहीं आ रहा है। वाटर कूलरों के बंद रहने का प्रमुख कारण स्टेशन पर पानी की कमी होना है। टंकियां भी धूप में रखी होने से सुबह 10 बजे तो पानी उबलना शुरू हो जाता है। ऐसे में रेल यात्री प्रशासन को कोसते दिखाई देते हैं। 
रेलवे कॉलोनी, जीआरपी थाना, रेलवे सुरक्षा बल चौकी, रेलवे सुरक्षा बल प्रशिक्षण केन्द्र, रेलकर्मियों के आवास एवं कार्यालयों में भी कर्मचारी व उनके परिवारजन पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 8 हजार यात्री आवाजाही करते हैं। जबकि करीब तीन सौ से अधिक रेलकर्मी स्टेशन से जुड़े हुए हैं। (ए.सं.)
जलस्त्रोतों का किया जाए निर्माण

गुढ़ारोड निवासी विकास अग्रवाल का कहना है कि रेलवे की ओर से प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को उचित मूल्य पर ठण्डा मिनरल वाटर मुहैया कराने के लिए आरओ सिस्टम लगवाए जा रहे हैं, लेकिन रेल प्रशासन की बेरुखी के कारण स्टेशन पर अभी तक आरओ नहीं लग पाए है। इससे ठण्डे पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जो वाटर कूलर लगे हुए हैं, उनकी भी नियत समय पर सार-संभाल नहीं करने से बंद पड़े हैं। 
मजदूर संघ के नेता कुंजबिहारी शर्मा का कहना है कि स्टेशन व रेलवे कॉलोनी में पानी की समस्या से रेलकर्मी व यात्री त्रस्त हैं। रेल प्रशासन को रेलवे कॉलोनी परिसर में नए जलस्त्रोत ढंूढकर समस्या का स्थाई समाधान करना चाहिए। कई बार तो रेलकर्मियों को पानी के अभाव में मिनरल वाटर की बोतल खरीदकर शौच जाना पड़ता है। 
जीआरपी थाने के हैड कांस्टेबल वीरेन्द्र कुमार का कहना है कि थाने में एक नल लगा है, लेकिन इसमें भी नियमित पानी नहीं आता है। कई बार तो नहाने व कपड़े धोने के लिए तक पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। इस बारे में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। मजबूरन कैम्पर मंगवाने पड़ते हैं। 
यात्री निखिल गुप्ता का कहना है कि स्टेशन पर यात्री भार को देखते हुए पानी के कोई बंदोबस्त नहीं है। यात्रियों की समस्या को देखते हुए श्याम जनोपयोगी संस्थान की ओर से जल सेवा का किया गया कार्य सराहनीय है। यहां के यात्री व राजस्व भार को देखते हुए रेल प्रशासन को यात्रियों की सुविधों का ध्यान रखना चाहिए। 
शीघ्र लगवाएं जाएंगे वाटर कूलर

रेल प्रशासन की ओर से दो नए वाटर कूलर भेजे हैं, जिन्हें शीघ्र लगाकर चालू कराया जाएगा। सभी प्लेटफॉर्म पर वाटर कूलर चालू हैं। यदि कहीं बंद पड़े हैं तो जांच कराकर दुरुस्त करवा दिया जाएगा।
चेतराम मीणा, स्टेशन अधीक्षक बांदीकुई

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