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राष्ट्रपति- राज्यपाल ही इनके मुखिया फिर भी मिलने की नहीं दी गई इजाजत, आदिवासीयों का फूटा गुस्सा

locationदंतेवाड़ाPublished: Jul 27, 2018 04:23:29 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

संवैधानिक तौर पर राष्ट्रपति व राज्यपाल ही उनके मुखिया हैं, उनको ही इस क्षेत्र में विशेषाधिकार प्राप्त है

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राष्ट्रपति- राज्यपाल ही इनके मुखिया फिर भी मिलने की नहीं दी गई इजाजत, आदिवासीयों का फूटा गुस्सा

दंतेवाड़ा . सरकार और जिला प्रशासन से खफा आदिवासी पदाधिकारियों का गुस्सा चरम पर है। पुराने सर्किट हाउस में गुरुवार को पत्रवार्ता के दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है। संवैधानिक तौर पर राष्ट्रपति व राज्यपाल ही उनके मुखिया हैं। उनको ही इस क्षेत्र में विशेषाधिकार प्राप्त है। इसके बाद भी आदिवासी पदाधिकारियों को नही मिलने दिया गया। आवेदन दिया गया था पर पांच दिन से प्रशासनिक अधिकारी कहते है कि अनुमति नही मिल सकती है।

मिनट टू मिनट कार्यक्रम सेट हो चुका है। समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि पांचवी अनुसूची का परिपालन नही हो रहा है। यह सरकार सिर्फ आदिवासियों का शोषण कर रही है। मंगल कुंजाम ने कहा कि यहां के राजनेताओं को कोई जानकारी नहीं है और न ही प्रशासनिक अधिकारियो को। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में सिर्फ मनमानी करने में लगे हुए हैं। सत्यनाराण कर्मा का कहना था 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ी रणनीति बनाई जाएगी और सरकार को जबाब दिया जाएगा। जिला अध्यक्ष सुरेश कर्मा, अधिवक्ता सत्यनारायण कर्मा, सामाजसेवी सोनी सोढ़ी, अधिवक्ता हरिडेंगल, त्रिपुरारी मंडावी और महेश सवर्ण मौजूद थे।

आदिवासी स्वागत में सडक़ पर नाचने के लिए हैं : आदिवासी पदाधिकारियों ने प्रशासन से बड़ा सवाल भी किया है। उनका कहना है कि जब भी वीवीआईपी आए तो आदिवासियों को स्वागत में सडक़ पर नचाए जाने की अनुमति भर रहती है। इसके बाद भी आदिवासी पदाधिकारियों को नही मिलने दिया गया।

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