करोड़ों का गल्ला रखने वाले इस भवन में मंडरा रहा यह खतरा, डर से थर-थर कांपते हैं कर्मचारी
दंतेवाड़ाPublished: Aug 28, 2017 11:50:00 pm
जर्जर वेयर हाउस से जान माल का खतरा, तेंदू पत्ता गोदाम में चल रहा है वेयर हाउस, अधिकारियों के दौरे हुए तस्वीर भी देखी लेकिन नहीं सुधारी व्यवस्था।
जर्जर वेयर हाउस से जान माल का खतरा, तेंदू पत्ता गोदाम में चल रहा है वेयर हाउस
दंतेवाड़ा. कुआकोंडा स्थित वेयर हाउस जर्जर हो चुका है। इस जर्जर इमारत में करोड़ों रुपए का गल्ला रखा जाता है। भवन की हालत बडी ही दयनीय है। इमारत कभी भी गिर सकता है। बरसात के कई चार माह गुजर गए। यह मौसम निकलते ही यहां काम करने वाले मजदूर चैन की सांस लेते हैं। मजदूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां कई बड़े अधिकारियों के दौरे हुए। तस्वीर देखी तो भौच क्के रह गए, आखिर इमारत टिकी कैसे है। आश्वासन मिला कि अब जल्द ही नया वेयर हाउस बनाया जाएगा, लेकिन वो समय नहीं आया है।
1987 में हुआ था इमारत का निर्माण
दरअसल जिस इमारत की बात हो रही है, वह वन विभाग की इमारत है। 1987 में इस इमारत का निर्माण बताया जा रहा है। 1996 तक यह भवन तेंदू पत्ता के लिए इस्तेमाल किया जाता था। यह इमारत तेंदूपत्ता का डंपिंग यार्ड था। इसके बाद जब रसद को रखने की जरूरत पड़ी तो वन विभाग से यह इमारत शासन ने वेयरहाउस के लिए दे दी। इमारत को पूरे 30 बीत गए। न रिपेयरिंग हुई और न ही नए वेया हाउस के लिए कोई पहल हुई। पानी टपकने की वजह से सीलन आती है और इस वजह से माल भी होता है। इस गोदम में नमक से लेकर सक्कर तक है। जो थोड़ी सी नमी में खराब होती है। कई सालों से नुकसान हो रहा है। इसके बाद भी अधिकारी नजर अंदाज करने में लगे हुए हैं।
वेयर हाउस में है इतना माल
चावल – 7 हजार बैग, चना – 947 बैग, गेंहू – 252 बैग, शक्कर – 800 बैग, नमक – 1 हजार बैग स्टॉक में है।
करीब 20 मजदूर और चार कर्मचारी
इस जर्जर इमारत में करीब 20 मजदूर काम कर रहे हैं और पांच कर्मचारी है। इसी के नीचे उनको काम करना पड़ रह है। इमारत की सूरत इन सभी को डराती है। फिर भी पेट के लिए हर बरसात इस जर्जर इमारत के नीचे गुजारते है। मजदूर तो खुले शब्दों में कह रहे हैं कि शासन प्रशासन को क्या फर्क पड़ेगा? यदि कोई हादसा हुआ तो परिवार तो उनका तबाह होगा। और भगवान न करे ऐसा हो जान तो हम सभी की मुश्किल में फंसेगी।
बरसात में करंट दौडता है दीवारों से
30 साल पुरानी इस इमारत की दीवारों में करंट दौडता है। अधिकारी है कि उनका ध्यान ही नहीं जाता है। दीवारें डारावनी है, फिर भी काम करना ही पड़ता है। यदि ट्रक से बोरी नहीं उतारेगें और ट्रक को लोड नही करेगें तो परिवार का भरण-पोषण होना मुश्किल है। इस लिए खतरों से जिंदगी गुजर ही रही है। काम के 10 से 12 घंटे बड़ी सतर्कता से गुजारने पड़ते हैं।
जल्द ही बनेगा नया वेयर हाउस
शाख प्रबंधक वेयर हाउस, पीके गर्ग ने बताया कि 35 लाख रुपए से इमारत तैयार होगी। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है। कुआकोंडा में जल्द ही नया वेयर हाउस बनेगा।