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दमोह

नई पीओएस मशीन को लेकर सेल्समैनों की न नुकर, बता रहे जटिल प्रक्रिया

खाद्य विभाग बता रहा उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी

दमोहOct 17, 2019 / 11:01 pm

Sanket Shrivastava

Salesmen not complaining about new POS machine, complex process is tel

Salesmen not complaining about new POS machine, complex process is tel

दमोह. राशन दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पीओएस मशीन दी गईं थीं, जिनमें पहले ऑफ लाइन भी सुविधा थी, लेकिन अब नई मशीनें दी जा रही हैं, जो पूरी तरह ऑनलाइन रहेंगी। यह मशीनें खाद्य विभाग सुविधा जनक मान रहा है, वहीं खाद्यान्न वितरण करने वाले सेल्समैन व सहायक सेल्समैन इसे असुविधाजनक के साथ कठिन प्रोसेस वाली करार दे रहे हैं।
गुरुवार को जिला सहकारी बैंक से संबंध जिले की 437 सहकारी समितियों के लिए नई पीओएस का वितरण किया गया है। इन मशीनों को बटियागढ़ ब्लॉक के सेल्समैनों को छोड़कर सभी ब्लॉकों के सेल्समैनों ने लिया है। इस मशीन को लेने के बाद अधिकांश सेल्समैन इसकी प्रोसेस कठिन बता रहे हैं। सेल्समैनों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में फिंगर न आने के कारण ऑफ लाइन खाद्यान्न वितरण करना उनकी मजबूरी है, लेकिन नई मशीन में ऑनलाइन प्रोसेस होगी, जितना खाद्यान्न पीओएस में दर्ज होगा उतना ही स्टॉक खाद्य विभाग द्वारा दिया जाएगा जो उपभोक्ताओं के हित में नहीं हैं।
सेल्समैन व सहायक को है आपत्ति
सेल्समैन व सहायक सेल्समैनों को इस नई पीओएस से आपत्ति है। उनका कहना है कि महज 2 से 5 हजार रुपए के मासिक वेतन पर वह महीने भर काम नहीं कर सकते हैं। उनका यह भी तर्क है कि 80 साल की वृद्धा के नाम पर भी खाद्यान्न पर्ची है और वह राशन लेने नहीं पहुंचती है उसके परिजन पहुंचते हैं, इसलिए ऑफ लाइन सुविधा जनक है। अब पूरी तरह ऑनलाइन से ग्रामीण क्षेत्रों सर्वाधिक परेशानी रहेगी।
इन सेल्समैनों का कहना था कि वह नई मशीनों पर काम नहीं करेंगे, पहले उन्हें जो शासन से निर्धारित वेतन है वह दिलाया जाए। कम वेतन में वह काम करने में असमर्थ हैं।
अब पूरे माह रहना होगा ऑनलाइन
राशन दुकान से खाद्यान्न वितरण के मामले में प्रशासन व शासन स्तर पर लगातार गड़बड़ी की शिकायतें पहुंच रहीं थीं। खाद्यान्न वितरण प्रणाली ऑनलाइन करने के लिए पीओएस मशीन दी गई लेकिन उसमें ऑफ लाइन का ऑप्शन भी रखा गया था। जिससे फिंगर न मिलने, नेटवर्क न होने का बहाना बना रहता था। अब जो नई मशीनें दी जा रही है। वह पूरी ऑनलाइन रहेगी, इसके अलावा अब प्रति दिन दुकान खोलकर महीनें भर राशन वितरण करने की अनिवार्यता रखी जा रही है। जितना खाद्यान्न नई पीओएस में दर्ज होगा, उतना ही वितरण किया जाएगा।
कालाबाजारी रोकने उठाया कदम
पुरानी पीओएस मशीन में सामने आई खामियों को दूर करते हुए नई पीओएस का निर्माण कराया गया है। जिसमें फिंगर प्रिंटर की कोई समस्या नहीं है। इसके अलावा यह नेटवर्क में कमजोर साबित नहीं होगी। इस मशीन के चलते अब पूरे काम ऑनलाइन होंगे, इसमें ऑफ लाइन का कोई विकल्प नहीं है। इसी मशीन पर दर्ज उपभोक्ताओं को वितरण किए जाने वाले खाद्यान्न के हिसाब से ही खाद्य विभाग द्वारा स्टॉक जारी किया जाएगा। शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही नई पीओएस मशीन उपभोक्ताओं के लिए लाभ दायक बताई जा रही है, वहीं पूरी तरह पारदर्शी मशीन के कारण खाद्यान्न की कालाबाजारी के आदी हो चुके सेल्समैनों को यह नई मशीन अखर रही है। जिससे इसको लेकर न नुकर शुरू हो गई है।
&नई पीओएस मशीन की प्रोसेस कठिन है। साथ ही 30 दिन राशन दुकान खोलने की अनिवार्यता है, लेकिन हम सभी सेल्समैन व सहायक सेल्समैन की मांग है कि उन्हें शासन द्वारा निर्धारित वेतन दिया जाए। उन्हें सहकारी समितियों द्वारा 2 हजार से 5 हजार रुपए वेतन दिया जाता है। शासन यदि उनकी वेतन संबंधी मांगे मानता है तो वह नई पीओएस मशीन पर काम करने तैयार हैं।
भूपेंद्र तिवारी, सेल्समैन
&अब शासन के दिशा निर्देशों पर ही नई पीओएस मशीन के रिकार्ड के आधार पर खाद्यान्न जारी किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में 52 नई मशीनों से वितरण पिछले माहों से हो रहा है, जो पूरी तरह सफल है। ग्रामीण क्षेत्र की 437 राशन दुकानों के लिए मशीनों का वितरण किया जा रहा है। सिर्फ बटियागढ़ ब्लॉक के कुछ सेल्समैन इसका विरोध जता रहे हैं। लोगों को योजना का सही लाभ मिले इसलिए इसकी कवायद की जा रही है।
भरत कूप सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी दमोह

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