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पन्ना टाइगर रिजर्व में 40 के पार हुई बाघों की संख्या, बढ़ेगा पर्यटन का दौर

locationदमोहPublished: Aug 24, 2018 11:11:58 am

Submitted by:

pushpendra tiwari

दो वर्ष बाद पुन तीन शावकों की मां बनी पी 222

Panna Tiger Reserve Number of tigers 40

Panna Tiger Reserve Number of tigers 40

दमोह/मडिय़ादो. पन्ना टाइगर रिजर्व में अब तीन और शावकों की चहलकदमी शुरू हो गई है। टाइगर रिजर्व की पी 222 बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इसकी पुष्टि केएस भदौरिया फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व के द्वारा की गई है। बताया गया है कि वर्ष 2009 में बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में अब बाघो का आकड़ा 40पार कर चुका है। जो पार्क प्रबंधन और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। बाघिन पी 222 के द्वारा दो शावकों को जन्म देने के संबंध में 18 अगस्त को खबर प्रकासित की थी हालांकि उस समय पन्ना टाइगर रिजर्व के द्वारा पुष्टि नहीं की गई थी। अब पुष्टि होने के बाद स्पष्ट हो चुका है की पी222 द्वारा तीन शावकों को जन्म दिया है, जो अपनी मां के साथ कोरजोन में सुरक्षित पार्क प्रबंधन की निगरानी में हैं। इसके पहले 22 अप्रेल २०15 को यह बाघिन दो शावकों को जन्म दे चुकी है। अब इसकी पन्ना टाइगर रिजर्व में पांच संताने हो चुकी है।


केन बेतवा लिंक से उजड़ेगा आशयाना


अब वह समय दूर नहीं है जब पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ किशनगढ़ और मडिय़ादो बफरजोन के जंगल में स्थाई रूप से ठिकाना बना कर रहेंगे। क्योंकि केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पीटीआर के कोर एरिया के ढोडन गांव में प्रस्तावित बांध का काम शीघ्र प्रारंभ होने की उम्मीद है।
इस बांध को 77 मीटर ऊंचा वा 19 हजार 633 वर्ग किमी जलग्रहण क्षमता वाले इस बांध में 2843 एमसीएम पानी भंडारण कि क्षमता होगी। जानकारी के मुताबिक बांध निर्माण के साथ सुकवाहा, भवरा, खुवा, घुगारी, बसोदा, कुपी, शाहपुर, डोढन, पल्कोहा, खरयानी और मेनारी गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। बांध निर्माण के पश्चात टाइगर रिजर्व के बाघों का रहवास भी डूब जाएंगे। तो निश्चित है जब गांव और जंगल जलमग्र हो जाएंगे।


हालांकि प्रबंधन द्वारा जंगल का दायरा बढ़ाने दमोह के जंगल की 12 बीटों को बफरजोन में शामिल कर लिया है। लेकिन बाघों को अपना ठिकाना छोड़कर नए स्थान पर रहवास बनाना और उन्हे उस ठिकाने पर सुरक्षित रखना पार्क प्रबंधन के सामने बड़ी चुनौती हो सकती है।


दरअसल, रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत बांध प्रस्तावित है जिसे डोढऩ गाव के पास बनाया जाना है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शीघ्र बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकता है और बाध्ंा निर्माण पूर्ण होने के बाद जैसे ही बांध में जलभराव होगा पार्क प्रबंधन को वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर एक नई समस्या का सामना करना पड़ेगा।


बफर को कोर में शामिल


प्रस्तावित डोढऩ बांध चूकी पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आता है जो बाघो का प्रिय विचरण व रहवास स्थल है। इसी जगह पर अति र्दुलभ लंबी चोंच वाले गिद्ध व बाघों के सहित विभिन्न प्रकार की जीवों के रहवास स्थल है। बांध निर्माण के पश्चात पन्ना टागर रिजर्व को कोर एरिया बढ़ाने के लिए बफर को कोर में शामिल करना पड़ेगा। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ की स्थाई समिति ने केन-बेतवा रिवर लिंकिग परियोजना पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रस्तावित जलप्लावित क्षेत्र दायरे में पूरा वन क्षेत्र आ जाएगा। बताया गया है कि स्थानीय ग्रामीण तो पहले ही टाइगर रिजर्व के कारण डर और संकट के साए में जी रहे हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण करीब 72 वर्ग किमी में फैले पन्ना बाघ अयारण के डूब जाने की आशंका है।

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