कमाई का जरिया बन गया बफरजोन,मुख्यालय पन्ना होने से नहीं दे रहे ध्यान
दमोहPublished: Jul 12, 2019 03:12:25 pm
कमाई का जरिया बन गया बफरजोन, मुख्यालय पन्ना होने से नहीं दे रहे ध्यान
कमाई का जरिया बन गया बफरजोन,मुख्यालय पन्ना होने से नहीं दे रहे ध्यान
मडिय़ादो. दमोह जिले के हटा वनपरिक्षेत्र की मडिय़ादो रजपुरा सहायक वन परिक्षेत्र की १२ बीटों को पन्ना टाइगर रिजर्व के बफरजोन में शामिल किए जाने के बाद वन भूमि पर खेती, रेत खनन व अवैध परिवहन, पेड़ों की कटाई तेजी से बढ़ गई है। नतीजतन हरियाली के प्रतीक कहे जाने वाले जंगल उजड़ रहे हंै।
मडिय़ादो वन परिक्षेत्र में खुलेआम वन संपदा लुट रही है। जिसे यहां पदस्थ वनकर्मी अनदेखा कर रहे हंै। ऐसा ही हाल वनों के अंदर देखने मिल रहा है। हर दिन पेड़ों की कटाई जारी है, लेकिन वन कर्मियों को यह दिखाई नहीं दे रहा या फिर वह देखना नहीं चाहते हैं। रजपुरा के मनकपुरा में सैकड़ा भर पेड़ों की कटाई और वन भूमि पर खेती की खबर प्रकाशित की गई, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर से कह दिया गया यह जंगल दमोह जिला की सीमा में आता है, वही दमोह वन विभाग आज तक यह नहीं बता सका कि जंगल किस की सीमा में आता है।
लगातार अवैध कटाई के कारण वनों की स्थिती बेहद खराब हो रही है। सड़क के किनारे तो जंगल घने दिखते हैं लेकिन जंगल के अंदर देखने से पता चलता है कि वनों की स्थिती गंजे के बालों की तरह हो गई है। अगर समय रहते वनों के विनाश को नहीं रोका गया, तो इसका खामियाजा निश्चित ही आगामी पीढ़ी को भोगना पड़ेगा।