लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों से वह हाई स्कूल के लिए लगातार मांग कर रहे हैं, हर बार विधायक से आश्वासन मिला है। लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। हालांकि लोग बताते हैं कि गांव में विकास के नाम पर सामूदायिक भवन, यात्री प्रतीक्षालय, उपस्वास्थ्य केंद्र, चबूतरा व दो सीसीसड़कों का निर्माण किया गया है।
बच्चे दूसरे गांवों में जाते हैं पढ़ाई करने-
क्षेत्रभ्य लोगों का कहना है कि करीब १० गावों के सेंटर माने जाने वाले मुहली गांव में हाई स्कूल का अभाव है। जिससे सैकड़ों बच्चे नरसिंहगढ़, दमोह या फिर ऊमरी गांव में पढ़ाई करने जाते हैं। लोगों ने बताया है कि मुहली से लगे हरद्वानी, झिरा, पतारा, कोपरा, ककरा, खेजरा, मड़ला, पिपरिया चंपत सहित अन्य गांवों के बच्चे जिनमें बेटियों की संख्या अधिक है। वह सभी दूसरी जगह पढ़ाई करने जाते हैं। हाई स्कूल का निर्माण नहीं कराए जाने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। जिससे इस बार नया रिकॉर्ड बनाने का मन बना रहे हैं।
यहां कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी अप्रत्याशित जीत-
पथरिया विधानसभा क्षेत्र के पथरिया से करीब १५ किलामीटर दूर स्थित ग्राम सुजनीपुर डूढ़ा गांव में कांग्रेस प्रत्याशी सर्वाधिक वोटों से विजयी हुए थे। कुल डाले गए ८२६ मतों में से कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र सिंह हजारी को सर्वाधिक ५७७ वोटें प्राप्त हुई थीं। वर्ष २०१३ में चुनाव होने के बाद से अब तक न तो विधायक लखन पटैल ने कोई विकास कार्य कराया है, न ही कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हारने के बाद लोगों की समस्याओं को लेकर कभी गांव में पहुंचे। जिससे ग्रामीणों में खास आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों के अनुसार गांव की में सभी वर्गों के लोग निवासरत हैं। मतदाताओं में घोषी ठाकुरों की संख्या अधिक है। इसके अलावा लगभग सभी वर्गों के लोगों का निवास गांव में बना हुआ है। पिछले पांच साल में कोई लाभ नहीं मिल सका है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गांव में कुटीरें, शौचालय, का निर्माण नहीं किया गया है। पिछनले दो सालों से डीपी निकालने के बाद नहीं लगाई गई है। जिससे लोग अंधेरे में रहने विवश हैं। बिजली अधिकारियों का कहना है कि दूसरी रखवाने के लिए विधायक लखन पटैल से लेकर अधिकारियों से भी बात की। सभी ने केवल आश्वासन दिया। लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया। गांव में पक्की सड़क का अभाव है, लेकिन समस्यसा का समाधान कराने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि गांव में करोड़ों रुपए की लागत से बांध बनाया जा रहा है। जिसके लिए गांव की जगह भी शासन ले रहा है। लेकिन खेती की जगह असिंचित बताते हुए ३ लाख रुपए प्रति एकड़ दे रहा है। जब कि क्षेत्र में जमीन की कीमत करीब ६ से ८ लाख रुपए है। उसके बाद भी शासन के लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लोगों ने वर्तमान विधायक पर भेदभाव अपनाने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि वह पिछले दो सालों से अंधेरे में हैं, विधायक को भी जानकारी दी, पर उन्होंने समस्या का समाधान नहीं कराया। लोगों का कहना है कि इस बार चुनाव में और भी नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा।