जिनके मार्गदर्शन के बाद पुलिस स्टॉफ के साथ जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर एक लकड़ी के सहारे पकड़ लिया। बताया गया है कि मगरमच्छ 5 फीट लंबा था। पुलिस ने उस घर में रह रहे लोगों की जान बचाते हुए अपने साथ पुलिस थाना ले गई। जिसे बाद में वनविभाग के सुपुर्द कर दिया गया। बताया गया है कि 3 माह पूर्व भी तेजगढ़ पुलिस नेअपनी जान जोखिम में डालकर ग्राम रोजाघाट मे एक बड़ा मगरमच्छ पकड़ा था। वहां भी एक आदिवासी परिवार के सदस्यों की जान बचाई थी। पुलिस के इस कार्य की पूरे क्षेत्र वासियों ने प्रशंसा की है। मगरमच्छ को पकड़ते समय पुलिस कर्मचारियों को भी चोटें आई हैं। जिनका इलाज तेंदूखेड़ा अस्पताल में कराया गया और मगरमच्छ को सही सलामत वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। जो वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित व्यारमा नदी में छोड़ दिया। लोगों का कहना था कि यदि थाना प्रभारी स्टॉफ के साथ समय पर नहीं आते तो मगरमच्छ कई लोगों को जख्मी कर सकता था। जिसमें किसी की जान भी जा सकती थी।