नातिन को बिस्किट लेने जा रहा था वृद्ध-
जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे जिले के पटेरा थानांतर्गत कचुरिया गांव निवासी बहादुर पिता रमेश बेडिय़ा (५०) सुबह १०.१५ के करीब जब खेत पर जाने के लिए तैयार हुए तो उनकी २ साल की मासूम नातिन साधना उर्फ चांदनी पुत्री क्रांति बेडिय़ा ने बिस्किट खाने के लिए कहा तो वह उसे लेकर वह पड़ोस में ही दुकान पर लेकर निकले, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि यह उनके साथ कोई बड़ी घटना घट जाएगी। वह घर से जैसे ही चंद कदमों पर पहुंचे ही होंगे कि अचानक जर्जर हो चुकी मुकुंदी बेडिय़ा की दीवार गिरने से उसमें दब गए। नातिन के साथ मलवे में दबे बहादुर बेडिय़ा अपने आपको बचा नहीं सके और जिंदगी की जंग हार गए। लेकिन भाग्यवश दो साल की मासूम बच गई।
पड़ोसियों ने दोनों को निकाला मलवे से –
घटना की जानकारी लगते ही गांव के लोग तुरंत ही मौके पर पहुंचे। जिन्होंने मलवे में दबे बहादुर व उसकी नातिन को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहादुर की सांस टूट चुकी थी। नातिन गंभीर रूप से घायल होने पर बिलख रही थी। जिसको अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन १०८ को फोन लगाया। लेकिन जब वाहन नहीं पहुंचा तो तत्काल करीब ४० मिनट बाद मासूम को बाइक से पटेरा ले जाया गया। लेकिन उसे चोटें अधिक होने पर तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां इलाजरत है।
मर्ग कायम कर जांच शुरू की –
मामले में प्रधान आरक्षक पटेरा विवेचक सैयद अली ने बताया है कि बहादुर पिता रमेश बेडिय़ा अपनी नातिन साधना पुत्री क्रांति बेडिय़ा (०२) को लेकर उसे बिस्किट दिलाने किराना दुकान जा रहे थे। जिनके ऊपर गुबंदी बेडिय़ा की दीवार गिर गई। जिसके मलवे में दबने से बहादुर की मौत हो गई।
पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी-
घटना की जानकारी पर पटेरा में पदस्थ नायब तहसीलदार विजय चौधरी घटना स्थल पहुंचे। जिन्होंने मौके पर बारीकी से जांच की। उन्होंने दुखित परिवार को जल्द ही प्रशासनिक मदद दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया।