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फेसबुक पर आ रहे किसी भी विज्ञापन पर नहीं करें खरीदी हो सकती है ठगी

locationदमोहPublished: Aug 25, 2019 12:27:50 am

Submitted by:

lamikant tiwari

दमोह पुलिस के सायबर सेल ने फेसबुक पर ही अलर्ट किया जारी

Do not cheat on any advertisement coming on Facebook

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दमोह. फेसबुक सहित सोसल मीडिया पर आने वाले विज्ञापनों से लोगों को ठगी का शिकार होना पड़ रहा है। जिले में ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें लोग सोसल मीडिया पर आने वाले फर्जी विज्ञापनों के झांसे में आकर लाखों रुपए की ठगी का शिकार हो रहे हैं। फिलिप कार्ड नामक एक फर्जी लिंक को फेसबुक सहित सोसल मीडिया पर शेयर किया जाता है। जिसमें कंपनी द्वारा निर्धारित दामों में ५० से ८० प्रतिशत तक की छूट दिखाकर लोगों को ठगने का कार्य करते हैं। लोग लालच में आकर लिंक के माध्यम से, खाते में या फिर लिंक के माध्यम से मोटी रकम ट्रांसफर कर देते हैं। ठगने के बाद फिर वह सायबर सेल की क्राइम ब्रांच का सहारा लेने पुलिस की शरण में पहुंचते हैं। हालांकि अभी तक के इस तरह के मामलों समय पर पता लगने पर लोगों के साथ होने वाली ठगी के करीब पांच लाख रुपए से अधिक वापस दिलाए जा चुके हैं। लेकिन जिन मामलों में देरी से शिकायत की गई उनमें से अधिकांश की राशि वापस नहीं दिलाई जा सकी।
लगातार साइबर क्राइम से होने वाली ठगी के मामलों को लेकर पुलिस ने अपनी साइड पर लोगों को जागरुक करने फेसबुक पर अन्य सोसल मीडिया पर आने वाले विज्ञापनों पर विश्वास नहीं करने की समझाइस दी है।
फिलिप कार्ड के नाम पर भी हो रही ठगी –
ऑन लाइन खरीदी करने वाले मामलों में फिलिप कार्ड सहित अन्य रजिस्टर्ड अन्य कंपनियों से मिलती हुई साइड बनाकर लोगों को ठगने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें किसी भी कंपनी की मंहगी वस्तुओं में ‘आज की विशेष छूटÓ का स्लोगन देकर उसे ८० प्रतिशत कम राशि में दिखाकर लोगों को ठगने का कार्य किया जा रहा है। लोगों को इस तरह की लालच में नहीं आना चाहिए। क्योंकि ऐसी कोई भी कंपनी किसी भी मामले में इतनी बड़ी छूट नहीं देती। कुछ लोग पुराने वाहनों को खरीदने के चक्कर में भी ठगे जाते हैं। जो ऑनलाइन सहित विभिन्न साइडों पर विश्वास करके बुकिंग कर देते हैं। लेकिन बाद में ठगे जाने के पर सिर्फ उनके पास पछतावा ही रहता है।
ठगी नंबर एक-
शहर के धरमपुरा निवासी आकाश पटैल नामक ने बताया कि उसे एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन लगाया था। जिसने अपने आप को मिलेट्री में होने की बात कही थी। जिसने मिलेट्री की केंटीन से ६० हजार रुपए की बाइक खरीदना बताया था। आरोपी ने ४० हजार रुपए में बाइक बेचने की बात कही थी। जिसकी बातों में आकर आकाश पटैल निवासी धरमपुरा ने पहले ५ हजार फिर १० हजार रुपए उसके खाते में जमा कर दिए थे। कुल मिलाकर ४० हजार रुपए जमा करने के बाद जब उसने बाइक देने की बात कही तो उसने पहले कुछ दिन बिल्टी से भेजना बताया फिर उसने फोन बंद कर लिया था। घटना की रिपोर्ट सिटी कोतवानली के साथ एसपी को भी दी थी। लेकिन अभी तक मामले में कुछ नहीं हो सका।
ठगी नंबर दो –
पथरिया थाना क्षेत्र में भी इसी तरह से फेसबुक पर आई लिंक से एक व्यक्ति लाखों रुपयों की ठगी का शिकार हो गया। यहां पर राहुल गुप्ता नामक व्यक्ति ने सोसल मीडिया पर लिंक को देखकर उसने एक कार खरीदने के लिए उसके खाते में करीब १ लाख रुपए से अधिक की राशि जमा कर दी थी। लेकिन राशि खाते में जमा करने के बाद जब उसे कार नहीं मिली तो उसने पुलिस में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन अब तक आरोपी तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके।
ठगी नंबर तीन –
शहर में ही रहने वाली एक प्राची नामक युवती से भी ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें ऑनलाइन के माध्यम से लालच देकर ठगी की गई। युवती ने देखा कि ऑनलाइन ऑफर में करीब २० हजार रुपए कीमती मोबाइल सिर्फ ४ हजार ७९९ रुपए में मिल रहा है। उसने तुरंत ही रुपए डेविड कार्ड के माध्यम से पेमेंट कर दिया। लेकिन उसके बाद युवती को आज तक किसी भी तरह का मोबाइल नहीं मिल सका। जिसकी शिकायत पुलिस में की गई।
दूसरों के नाम की खरीदते हैं सिम व मोबाइल –
सायबर क्राइम करने वाले आरोपियों को लेकर एड. पवन पाठक ने बताया कि ठगी करने वाले शैतान दिमाग के होते हैं। जो किसी भी गरीब व्यक्ति को २०-२५ हजार की लालच लेकर उसके नाम की सिम निकलवा लेते हैं और अधिकतम पांच सौ या फिर हजार रुपए का मोबाइल खरीदकर उसका दुरुपयोग करने लगते हैं। इस सिम व मोबाइल को कुछ दिनों तक चलाने के बाद वह उसे डिस्ट्रॉय कर देते हैं। जिससे सायबर पर भी कोई सबूत फिर शेष नहीं रह जाता।

जागरुकता बहुत जरूरी है-
संचारक्रांति के युग में लोगों को जागरुक रहना बहुत जरूरी है। सोसल मीडिया भले ही कुछ मामलों में बेहतर है। लेकिन इसका दुरुपयोग करके लोग ठगी करने लगे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को जागरुक होना चाहिए। सायबर से जितना हो सकता है आरोपियों तक पहुंचकर ठगी का शिकार होने वाले लोगों को न्याय दिलाने का भरपूर प्रयास किया जाता है।
विवेक सिंह-पुलिस अधीक्षक दमोह
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