11 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग शेष, 10 दिन और मिलेगा समय
स्वास्थ्य विभाग से 18 जुलाई तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में चिन्हित 1 लाख 37 हजार से अधिक बच्चों में से 1 लाख 26 हजार की स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है। 11 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग शेष हैं। जिसे एक दिन में करना संभव नहीं है। सीएमएचओ दमोह के अनुसार 20 जुलाई तक अभियान की डेट होने के बाद भी 10 दिन का अतिरिक्त समय मिला है। इस दौरान ऐसे गांव जो फील्ड से हटकर हंै, दूर है या बड़े है। जहां स्क्रीनिंग नहीं हो सकी, वहां भेजकर शेष बच्चों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। 10 दिन के पहले ही दमोह में शत-प्रतिशत बच्चों की स्क्रीनिंग हो जाएगी।
20 जुलाई तक टीम ने क्या-क्या किया, यह भी समझें
आंगनबाड़ी, आशा और एएनएम की संयुक्त टीम अलग-अलग गांव, वार्ड में पहुंचीं। जहां 0 से 5 बर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान निमोनिया, एनिमिया, जन्मजात विकृत्ति, डायरिया, कुपोषण के शिकार बच्चों को चिन्हित कर अस्पताल और पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचाया गया। सभी बच्चों को ओरआरएस के पैकट बांटे गए। साथ ही इसे कैसे उपयोग करना है बताया गया। इस दौरान टीकाकरण से वंचित बच्चों के टीकाकरण भी कराए गए और विटामिन-ए पिलाया गया।
ऐसे बढ़ती-घटती रही रैंकिंग, वजह भी अलग
10 जून से 18 जुलाई के बीच दमोह जिले की दस्तक अभियान में ओवरऑल रैंकिंग प्रदेश में दूसरे स्थान तक पहुंच चुकी है। 9 जुलाई को दमोह ६वें स्थान पर था। जबकि इसके बाद सीधे ३६वें स्थान तक पहुंच गया। 18 जुलाई की रैंकिंग में दमोह ने एक बार ग्रो करते हुए 14वां स्थान पाया हैं। अब टॉप 10 में आने की उम्मीद है। फाइनल रैंकिंग 5 अगस्त को जारी की जाएगी। जिलों की रैंकिंग डाटा फीडिंग पर आधारित है, पिछडऩे पर रैंकिंग बढ़-घट संभव है।
कैसे 5 हजार बच्चे मिले गंभीर बीमारियों से ग्रसित
आंकड़े समझाएंगे गणित
0से 5 साल तक के बच्चे- 1 लाख 37 हजार करीब18 जुलाई तक स्क्रीनिंग – 1 लाख 26 हजार करीब
शेष स्क्रीनिंग – 11 हजार करीब
अति कुपोषित बच्चे मिले- 900
भर्ती कराए गए कुपोषित- 254
एनिमिया से पीडि़त मिले- 1147 इनमें से 137 को ब्लड चढ़ाया
जन्मजात विकृत्ति से पीडि़त- 300 बच्चे चिन्हित
डायरिया से पीडि़त मिले – 3663
निमोनिया से पीडि़त मिले – 181 इनमें से 133 उपचार के बाद छुट्टी दी
विटामिन ए पिलाया गया- 1 लाख 10 हजार 208 को
वर्जन
निश्चित ही 5 हजार की संख्या कम नहीं है। यही दस्तक अभियान की सफलता है कि हम बीमारियों से ग्रसित बच्चों को खोजकर उन्हें उपचार दिला रहे हैं। रैंकिंग के लिए 5 अगस्त तक इंजतार करें। सही तब ही पता चल सकेगा। अब बच्चों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना ही लक्ष्य है।
डॉ. आरके बजाज, सीएमएचओ दमोह
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