इस मामले में खासबात यह है कि सड़क पर घूमने और आतंक मचाने वाले मवेशियों में उन मवेशियों की संख्या सर्वाधिक होती है जो किसी दूध डेरी के रहते हैं। दूध डेरी संचालक सुबह होते ही अपने डेरी के जानवरों को आवारा स्थिति में छोड़ देते हैं और यह मवेशी सड़कों पर पहुंचकर लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। सोमवार को शहर की अधिकांश मुख्य सड़कों पर यही स्थिति देखने को मिली। कुछ प्वाइंट ऐसे सामने आए जहां पर आवारा मवेशियों का झुंड सड़क के बीचोंबीच बैठा हुआ देखा गया। यह स्थिति एक दिन की नहीं है बल्कि चौबीस घंटे शहर की सड़कों की यही स्थिति है।
शहर के भीतर मवेशियों की वजह से हो रहीं सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाई जा सके इस वास्ते कलेक्टर विजय कुमार ने एक सप्ताह पहले नगर पालिका के अधिकारियों को आदेश दिया था कि सड़कों से मवेशियों को हटाकर जिले की विभिन्न गौशालाओं में पहुंचाया जाए। वहीं यह भी आदेश जारी किया गया था कि जिन मवेशी मालिकों के द्वारा अपने मवेशी आवारा हालात में छोड़ दिए जाते हैं ऐसे मवेशी मालिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। लेकिन इस आदेश की औपचारिकता नगरपालिका के अधिकारियों ने महज एक दिन दो चार मवेशी पकड़कर पूरी कर ली और अब कलेक्टर के आदेश के तहत कार्रवाई नहीं हो रही है। मामले में नपा सीएमओ कपिल खरे का कहना है कि सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए कर्मचारियों की एक टीम बनाई गई है, यही कर्मचारी अभी दूसरे कार्य में लगे हुए थे, लेकिन दोबारा मवेशियों को पकडऩे का कार्य अभियान के तहत कराया जाएगा।