पड़ोसियों के रहमो करम पर टिकी मासूमों की जिंदगानी
दमोहPublished: Aug 24, 2019 03:41:36 pm
तीन दिन बीते लेकिन मौके पर पहुंचकर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं जाने मासूमों के हालात
दमोह/कुम्हारी. जिले के पटेरिया गांव निवासी आदिवासी नाबालिग भाई बहन साक्षी व मोहित का कच्चा मकान बारिश में जमींदोज होने के बाद वह पड़ोसियों के रहमो करम पर अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। विदित हो कि मंगलवार को इन मासूमों का कच्चा मकान जमींदोज हो गया था। सिर से आशयाना छिन के बाद इन्हें पड़ोसी गेंदालाल राय ने अपने घर के एक खाली कमरे में पनाह दी है। वहीं कुछ लोगों से मिली मदद से वह अपने पेट की भूख मिटा पा रहे हैं। लेकिन कलेक्टर द्वारा मामले को गंभीरता से लेने की बात कहने के बावजूद भी प्रशासनिक मदद इन भाई बहनों तक नहीं पहुंची है। बुधवार को कलेक्टर तरुण राठी ने कहा था कि इन बच्चों के घर पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंचेंगे और स्थिति को समझेंगे। लेकिन बुधवार को जनपद सीइओ मानसिंह ठाकुर द्वारा पूरी कार्रवाई अपने कार्यालय में ही कर ली गई। बताया गया है कि सीइओ अथवा अधीनस्थ कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। गुरुवार को सीइओ मानसिंह ठाकुर ने कहा था कि शुक्रवार की सुबह पटवारी कंछेदी अहिरवार मौके पर पहुंचेंगे और मकान गिरने से हुई क्षति की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। लेकिन पटवारी भी मौके पर नहीं गए और मंगलवार की रात गिरे मकान का मुआयना शुक्रवार तक नहीं हो सका। वहीं हर संभव मदद की बात कहने वाले अधिकारियों ने पीडि़तों के हालात को जानने की जहमत नहीं उठाई है सिर्फ पंचायत कर्मियों से ही जानकारी प्राप्त की गई।
इधर मासूमों के हालात की खबर पढऩे के बाद लोगों का रुझान बच्चों के प्रति बढ़ा है। शुक्रवार को भी एक समाजसेवी ने पहुंचकर स्थिति को जाना व आर्थिक मदद की। गौरतलब हो कि पीडि़त भाई बहन साक्षी व मोहित के पिता की मौत करीब सात वर्ष पहले हो गई थी। वहीं इन बच्चों की मां का आंचल वर्ष २०१८ में छिन गया था। जिस मकान में यह बच्चे रहते थे वह मंगलवार को तेज बारिश में गिर गया। बच्चों से माता पिता का साया तो छिना ही साथ ही मकान गिरने की घटना ने इन्हें असहाय भी कर दिया। इधर प्रशासन बच्चों की क्या मदद कर सकेगा यह अभी तक तय नहीं हो पाया है।