निर्यापक मुनि वीरसागर महाराज पुणे से पद विहार करते हुए कुंडलपुर की ओर बढ़ रहे हैं। वीरसागर महाराज लगातार पुणे से लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रविवार को दमोह पहुंच चुके हैं। उनकी आहार चर्या रविवार को कौरांसा यूनिवर्सिटी के चौके में हुई। जहां से भी उनका विहार हो गया। भक्त बताते है कि निर्यापक मुनि वीरसागर इतनी गर्मी में भी लगातार बिना रुके विहार कर रहे हैं, जिससे उनके पैर छालों से भरे हुए हैं ।
स्थानीय लोगों ने मुनि से एक-दो दिन दमोह में रुकने के लिए श्रीफल भी अर्पित किए, लेकिन उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया और कुंडलपुर की ओर विहार करने की बात कही। अभी भी कुंडलपुर की दूरी 40 किलोमीटर शेष हैं। वे एक दिन में 30 किमी से अधिक विहार कर रहे हैं। सुबह और शाम दोनों समय उनका विहार चल रहा है। कुंडलपुर में 9 अप्रेल को हो रही भावी आचार्य निर्यापक समयसागर की अगवानी में वह भी शामिल रहना चाहते हैं।
अगवानी में करीब 250 मुनि, आर्यिकाओं और करीब एक लाख से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। आचार्य विद्यासागर संघ के सभी निर्यापक कुंडलपुर पहुंच चुके हैं। वीरसागर संभावित 8 या 9 अप्रेल को पहुंचेंगे। जबकि 190 मुनि और आर्यिकाएं अब तक कुंडलपुर पहुंच चुके हैं। संघ में करीब 400 पिच्छि हैं।
– कुंडलपुर में आवास, भोजन, पानी आदि की व्यवस्थाएं कर ली हैं। दमोह, कटनी, सागर, जबलपुर, सतना के लोगों यहां रुकने नहीं मिलेगा। इन जिलों से 300 से अधिक बसें आएंगी, जो यात्रियों को वापस उसी दिन लेकर जाएंगी।
ज्येष्ठ निर्यापक मुनि समय सागर का विहार बांदकपुर से रविवार शाम हो गया है। मुनि का रात्रि विश्राम बांदकपुर में होगा। यहां से कुंडलपुर महज 18 किमी दूर है। इसके पहले वह बांदकपुर में 2 दिन तक रुके। 9 अप्रेल को समयसागर कुंडलपुर पहुंचने वाले हैं। जिनकी अगवानी के लिए देशभर से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है।