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कश्मीरी छात्रों के बारे में ट्वीट कर गलत जानकारी दी थी
बता दें कि शेहला राशिद ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ट्वीट करते हुए यह बताया था कि जेएनयू में कश्मीरी छात्रों को कमरे में बंद कर दिया गया है और उनके साथ अत्याचार किया जा रहा है। हालांकि कश्मीरी छात्रों ने इस तरह के किसी भी बात से इनकार किया है। बता दें कि उत्तराखंड में प्रेमनगर स्थित शिक्षक संस्थानों में कुछ कश्मीरी छात्रों ने आपत्ति जनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर कई संगठनों ने विरोध में प्रदर्शन किया था। हालांकि इस मामले में एक छात्र को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद यह अफवाह फैल गई कि कश्मीरी छात्राओं के साथ अभद्रता की जा रही है। जांच में पुलिस ने पाया कि ऐसी कोई भी बात नहीं है। इसी घटना को लेकर शेहला राशिद ने 16 फरवरी को एक आपत्तिजनक ट्वीट किया और लिखा कि 15-20 कश्मीरी लड़कियों को देहरादून के एक हॉस्टल में घंटों बंद रखा गया। हॉस्टल के बाहर गुस्साई भीड़ उन्हें निकालने की मांग कर रही थी। पुलिस भी वहां मौजूद थी मगर भीड़ को हटा नहीं पा रही। यह इंस्टीट्यूट डाल्फिन है।
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स्थानीय निवासी ने दर्ज कराई शिकायत
बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर एक स्थानीय निवासी ने मामला दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि शेहला के ट्वीट को पूरी दुनिया ने देखा और पढ़ा। इससे भारत की छवि खराब हुई और धूमिल हुई है। प्रेमनगर थाने की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि एक स्थानीय निवासी की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ख (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव), 504 (लोक शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 505 (सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने) के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि शेहला राशिद कई बार अपने बयानों और ट्वीट के लिए विवादों में रह चुकी हैं।
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