पीएम मोदी को जन्मदिन पर सोशल मीडिया पर लोग कुछ इस अंदाज में कर रहे हैं विश
कौन थे पेरियार…
पेरियार को तमिलनाडु के इरोड वेंकट नायकर रामासामी के नाम से जाना जाता है। बता दें कि पेरियार बीसवीं सदी के तमिलनाडु के प्रमुख समाज सुधारक, चिंतक और राजनेता थे। इन्होंने जस्टिस पार्टी का गठन किया, जिसका सिद्धान्त रुढ़िवादी हिन्दुत्व का विरोध था। हिन्दी के अनिवार्य शिक्षण का भी उन्होंने घोर विरोध किया। भारतीय और विशेषकर दक्षिण भारतीय समाज के शोषित वर्ग के लोगों की स्थिति सुधारने वालाें में इनका नाम हमेशा लिया जाता है।
बता दें कि पेरियार का तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर असर इतना गहरा था कि आज भी कम्युनिस्ट से लेकर दलित आंदोलन विचारधारा, तमिल राष्ट्रभक्त से तर्कवादियों और नारीवाद की ओर झुकाव वाले सभी उनका सम्मान करते हैं। सभी इन मुद्दों पर उनका हवाला देते हैं और उन्हें मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं।
पेरियार ने 1919 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उस समय वह कट्टर गांधीवादी और कांग्रेस के रूप में जाने जाते थे। वे गांधी की खादी, छुआछूत और शराब विरोधी नीतियों से प्रभावित थे। उन्होंने अपनी पत्नी नागमणि और बहन बालाम्बल को भी राजनीति से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
निजी जीवन
पेरियार का जन्म 17 सितम्बर 1879 को पश्चिमी तमिलनाडु के इरोड में एक संपन्न हिन्दू परिवार में हुआ था। 1885 में उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में दाखिला लिया था। इसके बाद उन्हें अपने पिता के व्यवसाय से जुड़ना पड़ा था।