बता दें कि सबसे पहले चोर पास ही स्थित एक लिपिक के सरकारी क्वार्टर में अंदर गया। उसके जूते के निशान दूसरे दिन भी वहीं पर बने नजर आए। इसके अलावा जब वह वहां से बाहर निकल रहा था, तो उसे सीसीटीवी कैमरे में नजर आया। अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसे डर था कि सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया है। ऐसे में उसने खिड़की का सहारा लेते हुए सीएमएचओ कार्यालय के ऊपर चढ़ा और वहां लगे दोनों कमरों को निकाल कर छोड़ दिया। इसके बाद वह बाहर से ही सीएमएचओ के केबिन में पहुंचा, जहां उसने स्टोरेज डिवाइस और एलईडी निकाल कर अपने साथ ले गया।
दो दिन पहले ही चालू हुए कैमरे
लंबे समय से यह कैमरे बंद थे और दो दिन पहले ही इन्हें चालू करवाया गया था। चोरी के पीछे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद चोर को यह बात पता थी, कि बंद कैमरे मैं रिकॉर्डिंग चालू हो चुकी है, ऐसे में कहीं न कहीं वह इस कैमरे में कैद हो गया। इसके कारण उसने न सिर्फ कैमरे को तोड़ा बल्कि डिवाइस भी साथ ले गया।
एम्बुलेंस की निकाली बैटरी
चोरों ने सीएमएचओ कार्यालय के अलावा सिविल सर्जन एस यदु के घर में लगे एसी का कंप्रेशर चुराने का प्रयास किया, उसकी लाइन काट दी। लेकिन कंप्रेशर को ले जाने में सफल नहीं हो सके। जबकि अस्पताल परिसर में ही खड़ी दो एंबुलेंस की बैटरी भी चोर निकाल ले गए।
दो दिन पहले ही चालू हुए कैमरे
लंबे समय से यह कैमरे बंद थे और दो दिन पहले ही इन्हें चालू करवाया गया था। चोरी के पीछे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद चोर को यह बात पता थी, कि बंद कैमरे मैं रिकॉर्डिंग चालू हो चुकी है, ऐसे में कहीं न कहीं वह इस कैमरे में कैद हो गया। इसके कारण उसने न सिर्फ कैमरे को तोड़ा बल्कि डिवाइस भी साथ ले गया।
एम्बुलेंस की निकाली बैटरी
चोरों ने सीएमएचओ कार्यालय के अलावा सिविल सर्जन एस यदु के घर में लगे एसी का कंप्रेशर चुराने का प्रयास किया, उसकी लाइन काट दी। लेकिन कंप्रेशर को ले जाने में सफल नहीं हो सके। जबकि अस्पताल परिसर में ही खड़ी दो एंबुलेंस की बैटरी भी चोर निकाल ले गए।