scriptगंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर चल रही किडनी की स्मगलिंग | Smuggling of kidneys at the international level in Gangotri hospital | Patrika News

गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर चल रही किडनी की स्मगलिंग

locationनई दिल्लीPublished: Sep 11, 2017 11:06:00 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

एसएसपी निवेदिता ने बताया कि पश्चिम बंगाल से आए दो लोगों की किडनी निकालने के एवज में तीन-तीन लाख रुपये नहीं दिए जाने पर उनके साथियों ने शोर मचा दिया।

kidney racket
देहरादून। पुलिस ने सोमवार को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर चल रही किडनी की स्मगलिंग का पर्दाफाश किया है। लालतप्पड़ स्थित गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में लोगों की जान बचाने की जगह गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अस्पताल में पैसों का ऐसा खेल चल रहा था कि जिसने भी सुना सन्न रह गया।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि पश्चिम बंगाल से आए दो लोगों की किडनी निकालने के एवज में तीन-तीन लाख रुपये नहीं दिए जाने पर उनके साथियों ने शोर मचा दिया। घटना की जानकारी मिलते ही देहरादून और हरिद्वार पुलिस ने रविवार देर रात अस्पताल में छापा मारकर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
चिकित्सक डॉ.अमित रावल समेत कई लोग फरार हैं। अस्पताल से ओमान के टिकट मिलने के कारण गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने की संभावना है। पुलिस ने बताया कि डोईवाला के लालतप्पड़ स्थित उत्तरांचल डेंटल कॉलेज के कैंपस में स्थित गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में किडनी निकालने का गोरखधंधा चल रहा था।
दून एसएसपी कुकरेती ने सोमवार को बताया कि किडनी निकालने की शिकायत पर दून और हरिद्वार पुलिस ने संयुक्त रूप से गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल में छापा मारा, जहां से जावेद खान निवासी ग्रीनपार्क सोसायटी एसजी स्कूल रोड सातांक्रुज,मुंबई को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि सरगना डॉ.अमित रावल व अन्य आरोपियों को पुलिस तलाश रही है।
आरोपी जावेद खान पश्चिम बंगाल के चार लोगों को किडनी के एवज में तीन-तीन लाख रुपये देने का वादा कर अस्पताल लाया था।अस्पताल में कृष्णादास (32) पत्नी विश्वजीत और शेखताज अली (28)निवासी वासुदेवपुर कंचा रोड, 128 बेहाजा दक्षिण परगना वेस्ट बंगाल की किडनी निकाल ली गई। इनके बाद भावजी भाई (48) निवासी सिंधाली जिला खेड़ा, गुजरात और सुसामा बनर्जी (42) पत्नी विपुल बनर्जी निवासी हल्दर औबजान पारा शहजादापुर जोयनगर दक्षिण परगना की किडनी निकालने की तैयारी थी। कृष्णदास और शेखताज अली को रुपये नहीं मिले तो भावजी और सुसामा ने किडनी देने से मना कर दिया। रुपये नहीं मिलने के कारण बहस शुरू हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किडनी रैकेट के संचालन की जानकारी पुलिस को नहीं थी। दरअसल पश्चिम बंगाल के रहने वाले शेखताज अली और कृष्णादास की किडनी निकाल ली गई थी, इसलिए अब उन्हें वापस भेजने की तैयारी थी। रैकेट का एजेंट उन्हें लेकर दिल्ली की तरफ जा रहा था कि हरिद्वार के सिपाही पंकज कुमार को उनके मुखबिर ने इसकी सूचना दे दी।फिर रानीपुर पुलिस ने घेराबंदी कर हाईवे पर ही कार रोक ली और पीड़ितों को मुक्त कराया। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा
हुआ।
डीआईजी पुष्पक ज्योति ने बताया कि किडनी बेचने के मामले में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें दो चिकित्सकों के साथ अस्पताल संचालक भी नामजद किया गया है। जांच में अभी और नाम सामने आने की उम्मीद है। फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए अलग से टीम गठित की गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो