बेगूसराय के एसपी ने बताया कि वह इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंन कहा कि पुलिस को घटना का जो वीडियो मिला है। उससे लिंचिंग में शामिल लोगों की पहचान कर 6 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज करा दी गई है। एसपी ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।
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बता दें कि एसपी आदित्य कुमार ने इस बात की पुष्टि की थी कि घटना वाले दिन तीनों मृतक अपराधी बेगूसराय के नारायण पिपर गांव में स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में एक छात्रा को अगवा करने की मंशा से पहुंचे थे। अगवा करने के मकसद से आए तीनों अपराधियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। एसपी ने बताया कि जिस वक्त मॉब लिंचिंग हुई उस दौरान मौके पर तकरीबन 5000 लोग मौजूद थे।
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कुंभी गांव निवासी मुकेश महतो और बौना सिंह तथा रोसड़ा के हीरा सिंह के रूप में की गई है। इसमें मुकेश महतो एक कुख्यात बदमा था। बता दें कि जिले में उसके खिलाफ करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी सिंटू झा की लापरवाही सामने आई, इस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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क्या है पूरी घटना…
दरअसल, बेगूसराय के नारायणीपर गांव के गोरिया धर्मशाला के पास नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में बीते शुक्रवार की दोपहर चार की संख्या में बदमाश आ धमके और स्कूल की एक छात्रा के विषय में पूछताछ करने लगे। इसी दौरान कहा जा रहा है कि अपराधियों ने एक छात्रा को अगवा करने की कोशिश की। इसी बीच वहां से गुजर रही पांच-छह महिलाओं को स्कूल में शोरगुल सुनाई दिया और हथियार से लैस अपराधियों को देख महिलाएं शोर मचाने लगीं। शोर सुन अन्य ग्रामीण इकठ्ठा हो गए और भाग रहे तीन बदमाशों को पकड़ लिया और पिटाई शुरू कर दी। एक बदमाश भागने में कामयाब रहा।