आरोपी को चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के जुर्म में मृत्युदंड सुनाया गया। सेनापति जिले के जिला अदालत में ए. नौतुनेश्वरी ने आरोपी डेविड (21) के खिलाफ सजा सुनाई।
बता दें कि आरोपी ने कथित तौर पर बच्ची के साथ 25 दिसंबर, 2015 को पहाड़ी में एक सुनसान स्थान पर दुष्कर्म किया था। मणिपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दुष्कर्मी को सजा के तौर पर मौत की सजा सुनाई हो। इससे पहले दुष्कर्म के अधिकांश मामलों के आरोपियों को जमानत पर रिहा होने के बाद उग्रवादी कथित तौर पर गोली मारकर उनकी हत्या कर देते थे।
नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास, पुलिस ने आरोपी किशोर को भेजा बाल सुधार गृह पोस्को की स्पेशल जज ए. नौतुनेश्वरी की बेंच ने पोस्को धारा के सेक्शन 6 और आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपी डेविड (21) को दोषी पाया और मौत की सजा सुनाई।
बता दें कि आरोपी को घटना के दो दिन बाद यानी 27 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था और केस दर्ज किया गया। पुलिस ने बच्ची का शव जंगल से बरामद किया और पोस्टमाॅर्टम के लिए भेजा। पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट से ये बात सामने आई कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है और उसके बाद उसे गला घोटकर मार दिया गया।
मामले की सुनवाई चलती रही और लगभग 21 लोगों से पूछताछ को बाद ही 5 जुलाई 2018 को डेविड के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की गई। मामले पर सुनवाई करने वाले जज ने इसे रियरेस्ट आॅफ द रियर क्राइम बताते हुए कहा कि इस तरह के मामलों के लिए मौत के अलावा और कोई सजा नहीं हो सकती है। जज ने मौत की सजा के अलावा 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है और कहा कि ये पैसे बच्ची की मां को दिए जाएं।