फर्जी इसरो जासूसी मामला: ‘सुप्रीम’ फैसला आने से पहले ही कोमा में चले गए थे वैज्ञानिक, 2 दिन बाद मौत
ठंडे पकौड़े परोसने पर हुआ विवाद मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 2017 में अफरोज (24 वर्षीय) की शादी शाइस्ता नामक लड़की से हुई। शादी के कुछ माह बाद उसकी सास फौजिदा केशवपुरम के पास रामपुर में उसके घर में रहने आ गई। पुलिस ने बताया कि शाइस्ता और अफरोज के बीच इस सास के घर में रहने को लेकर कई बार कहासुनी हुई। एक दिन शाइस्ता ने परिवार के लिए पकौड़े बनाए और कुछ पकौड़े अफरोज के लिए रख दिए। जब वह शाम को काम से घर लौटा तो शाइस्ता के साथ उसकी ठंडे पकौड़े परोसने को लेकर बहस हो गई। फौजिदा ने जब बीच-बचाव कराने का प्रयास किया तो अफरोज ने एक चाकू उठा कर अपनी सास पर कई बार वार किए। पत्नी शाइस्ता ने जब अफरोज को रोकने की कोशिश की तो उसे भी चाकू घोंप दिया और फरार हो गया। इस घटना में सास की मौत हो गई।
ठंडे पकौड़े परोसने पर हुआ विवाद मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 2017 में अफरोज (24 वर्षीय) की शादी शाइस्ता नामक लड़की से हुई। शादी के कुछ माह बाद उसकी सास फौजिदा केशवपुरम के पास रामपुर में उसके घर में रहने आ गई। पुलिस ने बताया कि शाइस्ता और अफरोज के बीच इस सास के घर में रहने को लेकर कई बार कहासुनी हुई। एक दिन शाइस्ता ने परिवार के लिए पकौड़े बनाए और कुछ पकौड़े अफरोज के लिए रख दिए। जब वह शाम को काम से घर लौटा तो शाइस्ता के साथ उसकी ठंडे पकौड़े परोसने को लेकर बहस हो गई। फौजिदा ने जब बीच-बचाव कराने का प्रयास किया तो अफरोज ने एक चाकू उठा कर अपनी सास पर कई बार वार किए। पत्नी शाइस्ता ने जब अफरोज को रोकने की कोशिश की तो उसे भी चाकू घोंप दिया और फरार हो गया। इस घटना में सास की मौत हो गई।
चल रहा था फरार
डीसीपी असलम खान के अनुसरा, ” एसएचओ केशवपुरम के नेतृत्व में अफरोज को पकड़ने के लिए एक टीम बनई गई। वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। कभी यूपी, कभी दिल्ली तो कभी मुंबई जाता रहा। आखिर में जानकारी मिली कि वह गाजीपुर में मजदूरी का काम कर रहा है। जब पुलिस ने अफरोज को आत्मसमर्पण करने को कहा तो उसने धान के खेत में भागना शुरू कर दिया और चिल्लाने लगा कि गांव पर हमला हो गया है। भीड़ ने भी पुलिस टीम का पीछा करना शुरू कर दिया। करीब 10 किलोमीटर तक आरोपी का पीछा करने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। गांव वालों को आरोपी की असलीयत पता चली तो वह लोग भी रुक गए।
डीसीपी असलम खान के अनुसरा, ” एसएचओ केशवपुरम के नेतृत्व में अफरोज को पकड़ने के लिए एक टीम बनई गई। वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। कभी यूपी, कभी दिल्ली तो कभी मुंबई जाता रहा। आखिर में जानकारी मिली कि वह गाजीपुर में मजदूरी का काम कर रहा है। जब पुलिस ने अफरोज को आत्मसमर्पण करने को कहा तो उसने धान के खेत में भागना शुरू कर दिया और चिल्लाने लगा कि गांव पर हमला हो गया है। भीड़ ने भी पुलिस टीम का पीछा करना शुरू कर दिया। करीब 10 किलोमीटर तक आरोपी का पीछा करने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। गांव वालों को आरोपी की असलीयत पता चली तो वह लोग भी रुक गए।