scriptकर्नाटकः पुजारी ने ही मिलाया था मंदिर के प्रसाद में कीटनाशक, तीन अन्य के साथ गिरफ्तार | karnataka temples priest arrested in poisoning of prasadam big reason | Patrika News

कर्नाटकः पुजारी ने ही मिलाया था मंदिर के प्रसाद में कीटनाशक, तीन अन्य के साथ गिरफ्तार

locationनई दिल्लीPublished: Dec 20, 2018 09:41:06 am

कर्नाटकः मंदिर के प्रसाद में कीटनाशक मिलाने वाला पुजारी गिरफ्तार, ये थी बड़ी वजह

temple

कर्नाटकः मंदिर के प्रसाद में कीटनाशक मिलाने वाला पुजारी गिरफ्तार, ये थी बड़ी वजह

नई दिल्ली। कर्नाटक के चामराजनगर के एक मंदिर में प्रसाद खान के बाद 15 लोगों की मौत मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। खास बात यह है कि इस मामले में मंदिर के ही पुजारी को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल प्रसाद खाने के बाद मैसूर के अलग-अलग अस्पतालों में 90 से ज्यादा लोगों को भर्ती करवाया गया था। इनमें से करीब 20 लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।

पुलिस के मुताबिक कथित तौर पर शुक्रवार को ट्रस्ट के अध्यक्ष ने प्रसाद में कीटनाशक मिलाया था। पुलिस का कहना है कि पुजारी के साथ इस काम तीन अन्य लोग भी शामिल थे। जिन्होंने मंदिर के प्रसाद में ही कीटनाशक मिला दिया। हालांकि अभी ये कारण साफ नहीं हुआ है कि इन लोगों ने प्रसाद में कीटनाशक क्यों मिलाया।

पुलिस से मिली जानकारी से ये बात सामने आई है कि सल्लूर मठ के 52 वर्षीय पत्तडा इम्मादी महादेवस्वामी ने एक महिला और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर इसकी साजिश रची। इस साजिश में शामिल महिला का नाम अंबिका बताया गया है, जबकि इस महिला का पति मदेश और एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम डोडैया बताया जा रहा है वो भी इस साजिश में शामिल था।

फिलहाल जो कारण सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक इन चारों लोगों का मकसद मंदिर प्रशासन को बदनाम करना था। प्रशासन को ये लोग क्यों बदनाम करना चाहते थे इसके पीछे कोई पुरानी रंजिश तो नहीं, ऐसे ही कुछ सवाल अब भी बने हुए हैं। जिनकी पुलिस पूछताछ कर रही है।

वहीं कुछ लोगों की माने तो ये चारों मंदिर प्रशासन को बदनाम कर मंदिर के ट्रस्ट पर कब्जा करना चाहते थे। ऐसे में इन चारों ने प्रसाद में कीटनाशक मिलाने की साजिश रची औऱ शुक्रवार को इस साजिश को अंजाम दिया।
दरअसल 2017 तक हनूर तालुका के सुलावडी गांव के श्री किचुकुट्टी मराम्मा मंदिर का नियंत्रण पूरी तरह महादेवस्वामी के हाथों में था जबकि वह माले महादेश्वरा घाटी के सल्लूर मठ के कनिष्ठ पुजारी हैं।
चामराजनगर के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार मीणा के मुताबिक यह एक सेवा संघ की ओर से चलाया जाता था और पूरे पैसों का आदान-प्रदान स्वामी अपने निजी अकाउंट से करते थे। वह बहुत शक्तिशाली थे। ट्रस्ट के बनने के बाद स्वामीजी की ताक़त घट गई जिस वजह से ट्रस्ट में प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई।

ट्रेंडिंग वीडियो