पुलिस के मुताबिक कथित तौर पर शुक्रवार को ट्रस्ट के अध्यक्ष ने प्रसाद में कीटनाशक मिलाया था। पुलिस का कहना है कि पुजारी के साथ इस काम तीन अन्य लोग भी शामिल थे। जिन्होंने मंदिर के प्रसाद में ही कीटनाशक मिला दिया। हालांकि अभी ये कारण साफ नहीं हुआ है कि इन लोगों ने प्रसाद में कीटनाशक क्यों मिलाया।
पुलिस से मिली जानकारी से ये बात सामने आई है कि सल्लूर मठ के 52 वर्षीय पत्तडा इम्मादी महादेवस्वामी ने एक महिला और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर इसकी साजिश रची। इस साजिश में शामिल महिला का नाम अंबिका बताया गया है, जबकि इस महिला का पति मदेश और एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम डोडैया बताया जा रहा है वो भी इस साजिश में शामिल था।
फिलहाल जो कारण सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक इन चारों लोगों का मकसद मंदिर प्रशासन को बदनाम करना था। प्रशासन को ये लोग क्यों बदनाम करना चाहते थे इसके पीछे कोई पुरानी रंजिश तो नहीं, ऐसे ही कुछ सवाल अब भी बने हुए हैं। जिनकी पुलिस पूछताछ कर रही है।
वहीं कुछ लोगों की माने तो ये चारों मंदिर प्रशासन को बदनाम कर मंदिर के ट्रस्ट पर कब्जा करना चाहते थे। ऐसे में इन चारों ने प्रसाद में कीटनाशक मिलाने की साजिश रची औऱ शुक्रवार को इस साजिश को अंजाम दिया।
दरअसल 2017 तक हनूर तालुका के सुलावडी गांव के श्री किचुकुट्टी मराम्मा मंदिर का नियंत्रण पूरी तरह महादेवस्वामी के हाथों में था जबकि वह माले महादेश्वरा घाटी के सल्लूर मठ के कनिष्ठ पुजारी हैं।