एटीएस के अधिकारी कर रहे हैं सख्ती से पूछताछ
इस आतंकी के बारे में बताया जा रहा है कि ये स्लीपर सेल की मदद से हिंदुस्तान में किसी बड़े आतंकवादी हमले की फिराक में था। एटीएस की टीम ने इस आतंकी को किसी ऐसे स्थान पर रखा है, जिसका पता किसी को नहीं है और वहां उससे बड़ी सख्ती से पूछताछ की जा रही है।
पिछले तीन साल से तलाश में जुटी थीं सुरक्षा एजेंसियां
जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आतंकी का नाम कलीमुद्दीन मजाहरी है और वो जमशेदपुर के मानगो इलाके के आजादनगर थाना क्षेत्र का रहनेवाला है। वह लंबे समय से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ है। देश भर की सुरक्षा एजेंसियों को वर्ष 2016 से ही अलकायदा के इस कुख्यात आतंकी की तलाश थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अलकायदा के जिस कुख्यात आतंकी को पकड़ा गया है, यह आतंकी संगठन में काफी बड़े ओहदे पर काम कर रहा था। देशभर की पुलिस के साथ ही एनआइए को भी इस आतंकी की तलाश थी।
एटीएस के एडीजी की तरफ से दी गई ये जानकारियां
इस गिरफ्तारी के बारे में एटीएस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा ने बताया है कि झारखंड में स्लीपर सेल तैयार करना और जिहाद के लिए लोगों को तैयार करना कलीमुद्दीन का मुख्य मकसद था। कलीमुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद आतंकवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी, अब्दुल सामी सहित अन्य का मुख्य सहयोगी है। अलकायदा ने कलीमुद्दीन को ईस्टर्न इंडिया जोन का प्रभारी बनाया है। जिहाद की मानसिकता रखने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें अलकायदा जॉइन करवाया जाता है। इसके खिलाफ जमशेदपुर बिष्टुपुर थाना में 25 जनवरी 2016 को मामला दर्ज किया गया था। सऊदी अरब, बांग्लादेश और अफ्रीका जैसे देशों का भ्रमण कर चुका है।