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तीन की हालत गंभीर
पुलवामा जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि उनके पास 17 घायल छात्रों को लाया गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर थी। गंभीर रूप से घायल छात्रों को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर रेफर कर दिया गया। 11 अन्य छात्रों को पंपोर कस्बे के उप जिला अस्पताल ले जाया गया और उनमें से भी तीन को श्रीनगर स्थानांतरित किया गया। श्रीनगर में भर्ती सभी छह छात्रों की हालत स्थिर है। 10वीं कक्षा को पढ़ाते वक्त बाल-बाल बचे शिक्षक जावेद अहमद को याद नहीं आ रहा कि वास्तव में वहां हुआ क्या। उन्होंने कहा, “वहां बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ, जिसके बाद कक्षा के भीतर सबकुछ उजड़ गया। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस बात का अंदाजा नहीं है कि कितने छात्र घायल हुए हैं।”
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जांच में जुटी पुलिस
बता दें कि पुलिस अब इस घटना के बाद जांच में जुट गई है। पुलिस ने कहा कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि विस्फोट कैसे और क्यों हुआ। इधर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घटना पर गहरा अफसोस व्यक्त किया है और प्रत्येक घायल छात्र को 50-50 हजार रुपए की मदद मंजूर की है। पहले रिपोर्ट आई थी कि विस्फोट उस समय हुआ, जब सेंटर का एक छात्र एक ग्रेनेड को उलट-पलट रहा था। लेकिन, इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हुई। नरबल गांव में विस्फोट की खबर फैलते ही सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच झड़प हो गई।
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