फौजी जीतू पर आरोप है कि उसने ही इंस्पेक्टर सुबोध की पिस्टल उठायी थी। उसके पास इंस्पेक्टर की पिस्टल होने और उसी पर इंस्पेक्टर को गोली मारे जाने का भी शक है। हिंसा के वक्त जीतू घटनास्थल पर मौजूद था। फौजी बीस दिन की छूट्टी लेकर गांव आया हुआ था, लेकिन बवाल के बाद वह जम्मू भाग गया। बता दें कि इस मामले में अब पुलिस की जांच में एक और रिटायर्ड फौजी का नाम सामने आया है।
बुलंदशहर बवाल को लेकर 2.48 मिनट का एक वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में एक युवक शहीद इंस्पेक्टर के शव के पास से कुछ उठाते हुए दिख रहा है। इसी शख्स पर इंस्पेक्टर को गोली मारने का भी शक है। इस युवक की पहचान महाव गांव के जीतू फौजी के रूप में होने का दावा किया जा रहा है। वहीं जीतू की मां रतना कौर का कहना है कि वह वीडियो में अपने बेटे की शिनाख्त नहीं कर पा रही हैं। रिश्तेदारों का कहना है कि जीतू उस समय घटनास्थल पर ही मौजूद था। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद वह तुरंत जम्मू कश्मीर के लिए निकल गया था। परिजनों का कहना है कि जीतू का नाम रंजिशन लिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक एस.बी.शिराडकर, सर्किल ऑफिसर (सीओ) सत्या प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार का सोमवार को क्षेत्र में बिगड़ी स्थिति में संभालने में नाकाम रहने के लिए तबादल कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने इस मामले में 27 नामजद किया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घटना में बजरंग दल के योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है। साथ ही फौजी के नाम भी मुकदमा दर्ज किया गया है। बुलंदशहर एसएसपी के.बी सिंह के पीआरओ अजय दीप ने बताया कि हिंसा के मामले में 2 फौजी के नाम प्रकाश में आए हैं। एक रिटायर्ड और दूसरा जम्मू में तैनात है।