इस साल बढ़ गई नए आतंकियों की संख्या गौरतलब है कि आतंकी संगठनों में नए युवाओं के भर्ती होने का सिलसिला पिछले साल से भी तेज हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 में 126 स्थानीय युवाओं ने दहशतगर्दी की राह पकड़ी थी। वहीं 2018 में जुलाई तक ही नए आतंकियों की संख्या 110 तक पहुंच गई है। अभी लगभग पांच महीने का समय और बाकी है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस गलत रास्ते पर जाने वालों में सबसे अधिक युवा दक्षिण कश्मीर के हैं। शोपियां जिले से सबसे ज्यादा युवक शामिल हैं।
शपथ ग्रहणः इमरान खान के न्योते पर पाकिस्तान जाएंगे सिद्धू, बोले- वो ग्रीक गॉड हैं राज्यपाल शासन में नहीं थमे मामले हालांकि सरकारी आंकड़े कुछ और कहानी बता रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने हाल ही में कहा था कि 20 जुलाई 2017 तक जम्मू एवं कश्मीर के 87 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए थे। अहीर ने लोकसभा में यह जानकारी देते हुए बताया था कि सबसे अधिक 35 आतंकी पुलवामा से हैं, जबकि शोपियां से 23, कुलगाम से 15 और अनंतनाग से 14 आतंकी शामिल हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल शासन लगने के बावजूद आतंकी भर्ती का सिलसिला कम नहीं हुआ। इसके मुताबिक अब तक 12 युवा आतंक की राह पकड़ चुके हैं।